150 सड़कों के निर्माण पर संकट के बादल, एक साल मुश्किल झेलने के लिए रहें तैयार
पंजाब सरकार की तरफ से विकास कार्यो के लिए जारी फंड वापस मंगवाने के बाद शहर के चारों विधानसभा हलकों में अगले एक साल तक लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर :
पंजाब सरकार की तरफ से विकास कार्यो के लिए जारी फंड वापस मंगवाने के बाद शहर के चारों विधानसभा हलकों में अगले एक साल तक लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जो टेंडर लगा दिए गए थे, वह रद हो जाएंगे क्योंकि उनका काम करने का तय समय खत्म हो जाएगा। जिन कार्यों के टेंडर लगाने का काम अभी एस्टीमेट के दौर में था, वह अगले कई महीनों तक नहीं हो पाएगा।
चारों हलकों में 50 से ज्यादा काम टेंडर अलाटमेंट के करीब थे और 100 से ज्यादा काम एस्टीमेट की प्रक्रिया से गुजर रहे थे, ऐसे में यह सभी काम अब अगले एक साल तक संभावित नहीं है। शहर के चारों हलकों कैंट, नार्थ, सेंट्रल और वेस्ट में सड़क, पार्क व सीवरेज के काम होने है। इनमें सबसे ज्यादा मुश्किल सड़क के काम की होगी क्योंकि इस पर काफी फंड लगता है।
पंजाब सरकार ने तीन दिन पहले डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से नगर निगम, नगर कौंसिल, पीडब्ल्यूडी, सीवरेज बोर्ड, पावरकाम, पंचायत राज समेत सभी विकास एजेंसियों के जरिए से करवाए जा रहे विकास कार्यों को रोकने और ग्रांट पंजाब सरकार को वापस भेजने के आदेश जारी किए थे। यह आदेश आते ही सभी विभागों में जो भी फंड था वह तुरंत पंजाब सरकार को भेज दिया गया है। नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि यह काम निगम अपने फंड से करवा सके।
नगर निगम की अपनी कमाई सालाना 100 करोड़ से भी कम है और इसका बड़ा हिस्सा निगम के बिजली बिलों के भुगतान, रिपेयर, मरम्मत और अन्य खर्चों पर निकल जाता है। विकास कार्यों के लिए निगम के बजट से सालाना 20 से 25 करोड़ रुपये ही निकल पाते हैं। ऐसे में शहर में बड़े विकास कार्य अभी मुश्किल नजर आ रहे हैं। जुलाई में मानसून के दौरान लोगों की परेशानी और बढ़ेगी। जालंधर वेस्ट में बस्तियों व नई कालोनियों में अभी काफी काम होना है। नार्थ में भी नई कालोनियों काफी विकसित हुई और यहां पर अब सड़कों के निर्माण की जरूरत है। सेंट्रल हलके में विकास कार्यों के कई टेंडर रोक दिए गए हैं। कैंट में भी कई काम रुक गए हैं। यहीं नहीं ग्रांट वापस मंगवाने से कई सोसायटीज को दी गई ग्रांट भी रद हो जाएगी। कच्चे घरों के लिए भी ग्रांट नहीं मिलेगी।
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निगम हद में आए कैंट के गांव सबसे ज्यादा मार झेलेंगे
कैंट क्षेत्र के 11 गांव तीन साल पहले नगर निगम की हद में शामिल हुए थे और अब सबसे ज्यादा मार इन्हीं इलाकों के लोगों पर पड़ेगी। विधायक परगट सिंह ने यहां पर सीवरेज के लिए पंजाब सरकार से करीब 50 करोड़ रुपये जारी करवाए थे। सीवर डालने से इन सभी गांव और गांव की जमीन पर बसी कालोनियों की सड़कें टूट चुकी हैं। सड़कों के हालात काफी बिगड़े हुए हैं। खांबड़ा में सड़क, नंगल करार खां में स्टेडियम के टेंडर रद होने हैं। बाकी गांव की सड़कों के टेंडर अभ लगाए जाने थे लेकिन अब फंड ही नहीं रहेगा तो काम भी नहीं होगा। कैंट हलके के शहरी क्षेत्र में भी कई टेंडर रद होना तय है। निगम की हद में आए गांवों में विकास इसलिए भी नहीं हो पाएगा क्योंकि नगर निगम के पास इतने फंड नहीं है कि वह यहां पर विकास कार्य करवा सके। ऐसे में इन इलाकों के लोग पछता रहे हैं कि वह निगम की हद में क्यों आए। निगम की हद में आने से इन्हें प्रापर्टी टैक्स, पानी के बिल और बिल्डिंग डिपार्टमेंट से जुड़े नियमों का पालन करना जरूरी हो गया है लेकिन विकास के नाम पर फिलहाल इन्हें परेशानी ही झेलनी पड़ेगी।
------- इन हलकों में यह टेंडर होंगे रद
नार्थ हलका
- बाबा दीप सिंह नगर वार्ड नंबर 5
- सईपुर श्मशानघाट में विकास कार्य
- अशोक नगर में कंकरीट रोड
- माडर्न एस्टेट की सड़क
- मोती बाग
- मोहन विहार
- लम्मा पिड
- सावन नगर वार्ड नंबर 65
- कालिया कालोनी में पुली
- प्रीत नगर में बाथरूम
- गदईपर में पार्क
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सेंट्रल हलका
- धन्नोवाली-दकोहा रोड
- सूर्या एन्कलेव में पार्क
- वार्ड नंबर 19 में कम्युनिटी हाल
- सिविल लाइन्स में सड़क
- पीएपी में पार्क का काम
- पुलिस लाइन में शेड
- जोगिदरनगर चौक से एकता नगर में सीवरेज
- हरदीप वर्कशाप के सामने पार्क
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कैंट विधानसभा हलका
- इंदिरा पार्क की सड़क
- अतर सिंह नगर
- न्यू ग्रीन माडल टाउन
- खांबरा
- नंगल करार खां में स्टेडियम
- माडल टाउन में पार्क
- गढ़ा में कम्युनिटी हाल
- न्यू माडल टाउन में रोड
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