नामी कंपनियाें के स्टीकर लगा बना रहे थे खेल का सामान, पुलिस ने मारा छापा Jalandhar News
खेल का सामान बनाने वाली नामी कंपनियों नीविया और कॉस्को के फर्जी फुटबॉल तैयार करने वाली फैक्टरी में छापा मार पुलिस ने दस लाख रुपये की कीमत का नकली खेल का सामान बरामद किया है।
जालंधर, जेएनएन। खेल का सामान बनाने वाली नामी कंपनियों नीविया और कॉस्को के फर्जी फुटबॉल तैयार करने वाली फैक्टरी में छापा मार पुलिस ने दस लाख रुपये की कीमत का नकली खेल का सामान बरामद किया है। नामी ब्रांड का फर्जी सामान तैयार करने वाली यह फैक्ट्री किसी ओर की नहीं, बल्कि कांग्रेसी पार्षद के पति की है, जो अपने बेटे साहिल के नाम पर उक्त फैक्ट्री चला रहा था।
बुधवार शाम को नीविया और कॉस्को कंपनी के लीगल अधिकारी द्वारा पुलिस की साथ डाली गई रेड के दौरान इलाके के कई दिग्गज कांग्रेसी विधायक भी मौके पहुंचे और अपनी पार्टी के पार्षद के परिवार को बचाने की कोशिश में भी लगे रहे। वहीं, रेड के दौरान फैक्टरी-कम-गोदाम से तैयार नीविया और कॉस्को के फुटबॉल बरामद हुए। इस के साथ ही नीविया व कॉस्को के स्टीकर, लोगो भी मिले जो बॉल में काट कर लगाए जाते थे। इस तरह फर्जी माल को बिल्कुल असली बता बेचने के लिए उक्त फर्जीवाड़ा चलाने वालों ने नीविया और कास्को का होलाग्राम स्टीकर तक तैयार किए हुए थे, जिसे वह बॉल में लगा ग्राहक को यह साबित करते थे कि बॉल असली है।
इससे पहले गुरुग्राम से आए नीविया कंपनी की लीगल टीम के प्रतिनिध दविंदर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उनके पास पुख्ता सूचना है कि बस्ती दानिशमंदा के कढ़ी वाला चौक के पास स्थित साहिल स्पोर्ट्स फैक्टरी में उनके ब्रांड का नकली सामान तैयार किया जा रहा है। इस पर थाना पांच की पुलिस ने मौके पर रेड कर उक्त फर्जी माल बनाने वाली फैक्टरी का पर्दाफाश करते हुए लाखों रुपये की कीमत की नकली सामान बरामद किया। पुलिस देर रात तक मामले में केस दर्ज करने में जुटी रही। हालांकि पुलिस यह बताने के लिए तैयार नहीं हुई के केस किस के खिलाफ दर्ज किया जाएगा।
मुझे नहीं पता फैक्ट्री का मालिक कौन है
एसीपी वैस्ट बरजिंदर सिंह ने कहा कि साहिल स्पोर्ट्स में छापेमारी की गई है। छापेमारी कर पुलिस ने सामान बरामद किया है, जिसकी जांच जारी है कि वह नकली है या नहीं। वहीं, जब उनसे फैक्टरी मालिक के नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही। एसीपी यह भूल गए कि फैक्टरी उनके क्षेत्र में ही है जिसके मालिक कौन है, उन्हें नहीं पता।