निजी ब्लड बैंक पर खून की दलाली का आरोप लगा मरीज के परिजनों और खूनदानी संस्था ने किया हंगामा
कपूरथला चौक के निकट स्थित अल्फा क्लीनिकल लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के ब्लड बैंक में खून लेने वाले को 200 रुपये की रसीद न देने पर हंगामा खड़ा हो गया। ब्लड डोनेशन संस्था के सदस्यों ने भी मौके पर पहुंचकर बवाल खड़ा कर दिया। जबकि डाक्टर ने किसी प्रकार की धांधली न किए जाने की बात कही है।
जागरण संवादाता, जालंधर : जालंधर के कपूरथला चौक के निकट स्थित अल्फा क्लीनिकल लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के ब्लड बैंक पर देर शाम एक मरीज के परिजनों व खूनदानी संस्था ने खून की दलाली करने के आरोप लगाए दिए। वहीं ब्लड बैंक के संचालक डॉक्टर अर¨वद ने मीडिया के सामने लगाए गए इन आरोपों से इंकार किया और कहा कि मामला खून की दलाली का नहीं बल्कि महज 200 रुपये की रसीद न देने का है। चल रहे हंगामे के बीच खून की दलाली करने के आरोप लगाने वाली संस्था के संचालक के साथ ब्लड बैंक के संचालक की नोकझोंक भी हो गई। इसके बाद खूनदानी संस्था के संचालक ने डाक्टर पर धमकी देने के आरोप की लिखित शिकायत देते हुए मौके पर थाना नंबर दो की पुलिस को बुला लिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
कपूरथला निवासी संजय ने बताया कि पठानकोट रहने वाले उसके मित्र संदीप सहगल की बहन शंकुतला बुखार की वजह से सिविल अस्पताल जालंधर दाखिल है। उसके प्लेटलेट्स पांच हजार रह गए हैं। डाक्टरों ने उसे ¨सगल डोनर प्लाजमा एसडीपी चढ़ाने की सलाह दी। सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक ने उन्हें डोनर लाने की सलाह दी। संजय ने बताया कि उसके पास डोनर नहीं और किसी के कहने पर वे अल्फा क्लीनिकल लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के ब्लड बैंक में पहुंचे। वहां तैनात कर्मचारी गगन से जब एसडीपी लेने की बात कही और साथ ही बताया कि उनके पास डोनर नहीं हैं। इस पर कर्मचारी गगन ने कहा कि वो डोनर का इंतजाम कर देगा। एसडीपी तैयार करने के 11 हजार रुपये लगेंगे और डोनर बुलाने के वो प्रति डोनर 200 रुपये अलग से लेगा। इसके बाद ब्लड बैंक के कर्मचारी गगन ने फोन कर डोनर को बुलाया। इसके बाद 11 हजार 200 रुपये ले लिए और उन्हें 11 हजार की रसीद थमा दी। कर्मचारी ने कहा कि 200 रुपये डोनर को बुलाने की एवज में वो ले रहा है। जब उन्होंने कर्मचारी से कहा कि डोनर मरीज के लिए अपना प्लाजमा और खून दे रहे हैं और वो इन समाजसेवियों के खून की दलाली कर रहा है, ऐसा नहीं चलने देंगे। अगर खून की दलाली नहीं हो रही तो जो डोनर बुलाने के नाम पर 200 रुपये लिए गए हैं, उसकी रसीद दी जाए। कर्मचारी ने रसीद देने से साफ मना कर दिया। इस पर उन्होंने मौके पर यूथ ब्लड डोनर्स आर्गेनाइजेश्न के प्रधान वरूण जैन, विशाल प्रभाकर, दर्पण सहित अन्य सदस्य को बुला लिया। यूथ ब्लड डोनर्स आर्गेनाइजेश्न के विशाल प्रभाकर ने बताया कि जब उन्होंने ब्लड बैंक के संचालक डॉ. अर¨वद को उनके ब्लड बैंक में कर्मचारी की ओर से खूनदानियों के खून की दलाली करने का मामला ध्यान में लाकर जवाबतलबी की तो पहले तो डाक्टर अर¨वद ने कहा कि कर्मचारी की गलती निकाली। इसके बाद मीडिया के मौके पर पहुंचने पर डाक्टर अर¨वद ने उन्हें धमकाते कहा कि विशाल तुम सुधर जाओ, मैं तुम्हें देख लूंगा। विशाल ने कहा कि उसने ब्लड बैंक संचालक की और से उन्हें धमकी देने की लिखित शिकायत पुलिस को कर दी है। वहीं शिकायत मिलने के बाद थाना नंबर दो की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी। संस्था के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते कहा कि मुलाजिम एसडीपी के लिए आने वाले हर डोनर से 200 रुपये अतिरिक्त लेते हैं जोकि नहीं लेने चाहिए।
सारे आरोप बेबुनियाद: डॉ. अर¨वद
ब्लड बैंक के संचालक डॉ. अर¨वद गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि लेबोरेटरी के कंप्यूटर में 200 रुपये की भी एंट्री है और एकाएक एमरजेंसी मरीजों के लिए खून लेने वालों की संख्या बढ़नें के कारण 200 रुपये की रसीद का ¨प्रट नहीं दे पाया। इस मामले को लेकर कर्मचारी गगन ने मौके पर सभी से क्षमा याचना भी कर ली है। डॉ. अर¨वद ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में पहले पेमेंट की रसीद दें और उसके बाद दूसरा काम करें। 200 रुपया डोनर का टेस्ट करने की एवज में लिया गया था, उनके ब्लड बैंक में किसी तरह की खून की दलाली नहीं चल रही थी। डॉ. गुप्ता ने कहा कि हर डोनर के टेस्ट के लिए 200 रुपये चार्जिज लगते हैं जो हर लेबोरेटरी व ब्लड बैंक लेता है। हालांकि गरीब मरीजों का सहयोग भी किया जाता है। वहीं डॉ. अर¨वद गुप्ता ने कहा कि उन्होंने उनके ब्लड बैंक में हंगामा करने वाली खून दानी संस्था के विशाल प्रभाकर को किसी तरह की कोई भी धमकी नहीं दी। उन पर लगाए जा रहे सारे आरोप झूठे हैं।