गगनेजा हत्याकांडः अब एनआइए करेगी जांच, गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही पुलिस और सीबीआइ
पुलिस और सीबीआइ की ओर से किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं दिखाए जाने के कारण सीबीआइ स्पेशल कोर्ट ने यह जांच एनआइए को सौंप दी है।
जागरण संवाददाता, मोहाली/जालंधर : आरएसएस नेता व रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा हत्याकांड की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को दे दिया गया है। इससे पहले इसकी जांच सीबीआइ द्वारा की जा रही थी। हत्या के मामले में अब तक पंजाब पुलिस और सीबीआइ की ओर से किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं दिखाए जाने के कारण सीबीआइ स्पेशल कोर्ट ने यह जांच एनआइए को सौंप दी है। कोर्ट के आदेश के बाद एनआइए ने यह मामला अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है।
जानकारी अनुसार एनआइए ने जगदीश गगनेजा की हत्या के मामले में आरसी-7/19 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अगस्त 2016 में जगदीश गगनेजा को जालंधर में मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने सरेआम गोलियां मार दी थीं, जिस कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
हमलावर हवाई फायर करते हुए फरार हो गए थे। पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरों की जब फुटेज खंगाली तो उसमें नकाबपोश 2 व्यक्ति मौके पर मोटरसाइकिल से भागते दिखाई दे रहे थे। इस मामले की जांच शुरुआत में पंजाब पुलिस ने की थी। पुलिस ने धारा 302, आर्म्स एक्ट व देशद्रोह की धाराओं के तहत दर्ज किया था। बाद में सरकार ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया था।
तीन की गिरफ्तारी पर मांगा जवाब
यह मामला एनआइए को दिए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकील जसपाल सिंह मंझपुर ने एनआइए की विशेष अदालत में एक याचिका दायर की है। याचिका डालकर इस बात की जानकारी मांगी गई है कि क्या एनआइए हरदीप सिंह शेरा, रमनदीप सिंह बग्गा और एनआरआइ जगतार सिंह जग्गी जौहल की इस मामले में गिरफ्तारी डालना चाहती है। क्योंकि नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उस समय के डीजीपी ने जगदीश गगनेजा हत्याकांड में इन तीनों युवाओं के नाम लिए गए थे। अदालत की ओर से 22 अप्रैल के लिए एनआइए को नोटिस जारी किया गया है।