पार्षदों को दिवाली के तोहफे में एलईडी लाइटें मिलना मुश्किल, जानें क्या है कारण
मेयर जगदीश राजा ने स्थापित प्रथा के तहत सभी पार्षदों को दिवाली के तोहफे के तौर पर एलईडी लाइटें देने का फैसला तो कर लिया है पर दिवाली से पूर्व इसके मिलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : गत 17 अक्टूबर को नगर निगम की जनरल हाउस बैठक में मेयर जगदीश राजा ने स्थापित प्रथा के तहत सभी पार्षदों को दिवाली के तोहफे के तौर पर एलईडी लाइटें देने का फैसला तो कर लिया है पर दिवाली से पूर्व इसके मिलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा के मुताबिक इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी मंजूरी आने के बाद ई-टेंड¨रग होगी। फिर लाइटें खरीदी जाएंगी और इसके बाद पार्षदों को दी जाएंगी। कमिश्नर का कहना है कि प्रोजेक्ट पर करीब दो करोड़ रुपये का खर्च होगा। इसके चलते सरकार से मंजूरी लेना अनिवार्य है। हालांकि, बाद में हाउस में हुए फैसले के मुताबिक पार्षदों को सिर्फ लाइटें और न कि पोल आदि देने के फैसले की जानकारी देने पर उन्होंने कहा कि यदि एलईडी लाइट के साथ पोल अथवा पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया नहीं करवाना होगा तो केंद्र सरकार के जेम पोर्टल से खरीद कर पार्षदों को एलईडी लाइटें दे दी जाएंगी।
नगर निगम के जनरल हाउस में कुल 80 पार्षदों के मुकाबले 44 महिला पार्षद हैं। इनमें से पुरुष पार्षदों को 25-25 एलईडी लाइटें देने का फैसला किया गया है जबकि सीनियर डिप्टी मेयर सु¨रदर कौर की मांग पर मेयर ने महिला पार्षदों को 30-30 एलईडी लाइटें देने की हामी भरी है। ठेकेदारों को दिवाली से पहले भुगतान पर भी संशय
हाउस की बैठक में मेयर ने कमिश्नर से दिवाली पर ठेकेदारों को भी कुछ भुगतान करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में पूछने पर कमिश्नर ने कहा कि निगम प्रशासन इस कोशिश में है कि ठेकेदारों को कुछ पेमेंट कर दी जाए। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह निगम के खजाने की स्थिति पर निर्भर करेगा। वहीं, शहर के पांच जोन में अब तक स्ट्रीट लाइट की मेंटीनेंस कर रहे ठेकेदारों ने वीरवार सुबह पहले ओएंडएम ब्रांच के एसई और बाद में कमिश्नर से मुलाकात कर उन्हें पेमेंट करने की मांग की। दोनों ही जगह से ठेकेदारों को सिर्फ आश्वासन ही मिला, पेमेंट नहीं। कमिश्नर बोले, मुलाजिमों को वेतन देने में नहीं आएगी मुश्किल
निगम को नवंबर में जीएसटी की किश्त दिवाली के बाद मिलने पर मुलाजिमों को वेतन देने में कोई मुश्किल आने से कमिश्नर ने इनकार किया। कमिश्नर ने कहा कि मुलाजिमों को दिवाली से पहले वेतन दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल निगम प्रशासन की रिकवरी अभी तक पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी अधिक हुई है। कहा कि पिछले साल अक्टूबर तक निगम को प्रापर्टी टैक्स के तौर पर करीब 21 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस बार अब तक करीब 24 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।