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कोरोना वैक्सीनेशन शुरू : 300 का लक्ष्य, 136 हेल्थ वर्करों ने लगवाए टीके

शनिवार को वैक्सीनेशन शुरू हो गई। पहले दिन 300 में से 136 हेल्थ वर्करों ने टीके लगवाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 10:23 PM (IST)
कोरोना वैक्सीनेशन शुरू : 300 का लक्ष्य, 136 हेल्थ वर्करों ने लगवाए टीके

जागरण संवाददाता, जालंधर

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कोरोना वैक्सीन को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई। हालांकि शनिवार को वैक्सीनेशन की शुरुआत होते ही सेहत कर्मियों का जोश ठंडा हो गया। शनिवार को वैक्सीन लगवाने के लिए लक्ष्य से आधे से भी कम हेल्थ वर्कर मौके पर पहुंचे। इसके बावजूद जालंधर राज्य में पहले नंबर पर रहा। सेहत विभाग इसका कारण बड़े पैमाने पर हेल्थ वर्करों के तबादले तथा रिटायरमेंट को बता रहा है।

सुबह 11.32 बजे सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. परमिदर कौर और आइएमए सेंट्रल के वाइस प्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने संयुक्त रूप से मुहिम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके बाद जिले का पहला टीका रिटायर्ड एसएमओ डा. कश्मीरी लाल को सुबह 11.35 बजे लगा। सिविल अस्पताल जालंधर, सिविल अस्पताल नकोदर और अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बस्ती गुजां में 136 हेल्थ वर्करों ने वैक्सीन लगवाई है, जबकि लक्ष्य 300 हेल्थ वर्करों को टीके लगाने का था। दोपहर 12.53 बजे डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी सिविल अस्पताल पहुंचे और कंप्यूटर आपरेटर हर्षदीप को वैक्सीन लगवाया। पहले वैक्सीन लगवाने वालों में निजी सेक्टर से आइएमए सेंट्रल के उपप्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया, डा. पीएस बक्शी व डा. हरीश भारद्वाज पहुंचे।

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. राकेश चोपड़ा ने बताया कि शनिवार को आधे से कम हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि तबादले, सेवानिवृत्ति के अलावा वीकएंड होने के कारण कई लोग बाहर गए हुए हैं, जिस कारण संख्या में कमी हुई। अगले सप्ताह संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। जो लोग शनिवार को वैक्सीन नहीं लगवा सके हैं, उन्हें विभाग की ओर से दोबारा मैसेज आएगा। उधर, बस्ती गुजां स्थित अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत निर्धारित समय 11.30 बजे से 1.20 घंटा देरी से हुई। वहां करीब 12.50 बजे पहली डोज लगाई गई।

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जालंधर रहा पहले नंबर पर

सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों में जालंधर पंजाब में पहले नंबर पर रहा है। लुधियाना में पांच सेंटरों में 500 हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य था और 164 ने लगवाए, जो 32.8 फीसद है। वहीं जालंधर में तीन सेंटरों में 300 हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाने के लक्ष्य था और 136 ने लगवाए, जो 45.33 फीसद था। खुशकिस्मत हूं कि पहला टीका मुझे लगा

शुक्रवार रात को मैसेज आया कि शनिवार को सुबह 11.30 बजे सिविल अस्पताल में आकर कोरोना वैक्सीन लगवानी है। शनिवार सुबह उठ कर तैयार हुआ और घर से निकलने से पहले परमात्मा से अरदास की कि हे परमात्मा! वैक्सीन को इतनी कामयाबी देना कि इसे लगवाने वाला हर व्यक्ति सुरक्षित रहे। मेरे परिवार के सदस्यों ने शुभकामनाएं देकर वैक्सीन लगवाने के लिए घर से रवाना किया। सुबह 11.25 बजे सिविल अस्पताल पहुंच गया। 11.32 बजे कोरोना वैक्सीन लगाने का शुभारंभ किया गया और 11.35 बजे उन्हें वैक्सीनेटर पूनम ने कोरोना की पहली डोज लगाई। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि जिले में मुझे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने का अवसर मिला। वैक्सीन भविष्य में लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनेगी। वैक्सीन लगवाने के बाद मुझे सुखद अहसास हुआ। ऐसा लगा जैसे महीनों की थकान उतर गई है। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। पिछले साल मार्च माह में जब सबसे पहले कोरोना का मरीज आया था, तब उसके इलाज के लिए लोग आगे नहीं आते थे। लोग उसके घर के आसपास जाने से डरते थे। उस समय वह खुद अपनी टीम को लीड करते थे और लोगों को कोरोना से जीतने के लिए प्रेरित करते थे। सरकारी अस्पताल में इलाज से हजारों की तादाद में मरीजों को कोरोना के खिलाफ जीत हासिल करने के काबिल बनाया। सेवानिवृत्त होने के बाद कोरोना काल में बेहतर सेवाएं मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया।

(जैसा डा. कश्मीरी लाल ने बताया)

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जिंदगी का पहला अनुभव और पहली कामयाबी

सिविल अस्पताल में एनस्थीसिया विभाग में तैनात डा. नीलकांत शनिवार को पहले दिन कोरोना वैक्सीन लगवा खुद को खुशनसीब मान रहे हैं। वह वैक्सीन लगवाने वाले सबसे छोटी उम्र (30) के डाक्टर थे। उनका कहना है कि उनकी जिदगी का कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना और विजय पाना जिदगी का पहला अनुभव है। उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले सेहत विभाग में सर्विस ज्वाइन की थी। नौकरी में आने के कुछ माह बाद ही उन्हें कोरोना का भयानक चेहरा देखने को मिला। सिविल अस्पताल गंभीर मरीजों का इलाज करना सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे पूरा करने में कामयाबी हासिल की। निजी डाक्टरों में पहला टीका मुझे लगा

आइएमए सेंट्रल के वाइस प्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें पहले दिन कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए शनिवार को जालंधर भेजा गया। उन्होंने निजी डाक्टरों में सबसे पहले वैक्सीन लगवा कर इसे सुरक्षित होने का प्रमाण दिया। आइएमए के सदस्य व उनके अस्पतालों में तैनात स्टाफ के सदस्य भी वैक्सीन लगवाने के लिए सबसे आगे रहेंगे। वैक्सीन को लेकर लोगों में कई तरह गलत भ्रांतियां हैं, जिन्हें सेहत विभाग व आइएमए डाक्टर दूर करने में जुटे हुए हैं। बड़ी चुनौतियों के बाद हासिल हुई वैक्सीन, इसे स्वीकार करें

पूर्व सिविल सर्जन डा. गुरिदर कौर चावला भी शनिवार को सिविल अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचीं। वह सबसे अधिक 60 साल उम्र की वैक्सीन लगवाने वाली महिला थी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित है और उन्होंने भी इसे लगवा कर कोरोना से बचाव के लिए संजीवनी हासिल की है। बिना किसी भय के सभी को इसे लगवाना चाहिए। सर्वर डाउन रहने से हुई परेशानी

जिला वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर गर्वित शर्मा का कहना है कि उनकी टीम ने पिछले दस दिन से दिन रात मेहनत कर हेल्थ वर्करों की सूचियां अपलोड की हैं। शुक्रवार को रात तीन बजे तक सिस्टम चलने का इंतजार किया और जिले के तीन सौ डाक्टरों को वैक्सीन लगवाने के लिए सिस्टम से मैसेज भिजवाए गए। शनिवार को दिन भर सर्वर की समस्या बनी रही। करीब सात मिनट में एक लाभपात्री की डिटेल अपडेट करने लगा। वहीं सर्वर डाउन होने पर इसी काम के लिए 20 मिनट तक लगे। सिविल अस्पताल में 41 हेल्थ वर्करों ने लगवाई वैक्सीन

सिविल अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर में पहले दिन 41 हेल्थ वर्करों ने वैक्सीन लगवाई। वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में किसी के माथे पर शिकन नहीं थी। एनस्थीसिया माहिर डा. कमलेश कहती हैं कि वह टीका लगवाने के बाद आधा घंटा वेटिग हाल में बैठी रही। किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। कहां कितनी वैक्सीन लगी

41 लोगों को सिविल अस्पताल जालंधर में

59 को सिविल अस्पताल नकोदर में

36 को अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, बस्ती गुजां में

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ये रहे खास

- 30 की उम्र के सबसे छोटे डा. नीलकांत

- 60 की उम्र में सबसे बड़ी डा. गुरिदर कौर ने लगवाया टीका माह मरीज मौतें

मार्च 05 00

अप्रैल 98 04

मई 152 04

जून 470 14

जुलाई 1584 36

अगस्त 4300 117

सितंबर 6235 220

अक्टूबर 2280 73

नवंबर 2804 95

दिसंबर 1982 79

जनवरी (16 जनवरी तक ) 405 16

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कुल मरीज 20331

मौतें : 658

कोरोना से जंग जीते : 19430

कुल सैंपल : 522811

राहत मिली : 481194


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