Corona Testing : सिविल अस्पताल ने पॉजिटिव, अमृतसर के मेडिकल कॉलेज ने रिपोर्ट नेगेटिव बताई
परिवारवालों ने जब मेडिकल कॉलेज अमृतसर के डॉक्टरों को सिविल अस्पताल जालंधर की पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाई तो वहां के डॉक्टरों ने रिपोर्ट को गलत करार दिया।
फिल्लौर, जेएनएन। कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट को लेकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। जालंधर सिविल अस्पताल एक बीमार व्यक्ति की रिपोर्ट को कोरोना पॉजिटिव तो अमृतसर के मेडिकल कॉलेज नेगेटिव बता रहा है। इससे मरीज और उसके परिजन दुविधा में फंस गए हैं।
गांव नंगल का रहने वाला जोगिंदरपाल कारखाने में काम करता है, जिसका ईएसआइ अस्पताल में इलाज का कार्ड भी बना हुआ है। पिछले कुछ समय से बीमारी के चलते वह घर में आराम कर रहा था। छह अगस्त को उसकी तबीयत अधिक खराब होने पर परिवार वाले उसे फगवाड़ा ले गए। सात अगस्त को उसे सिविल अस्पताल जालंधर रेफर कर दिया गया। वहां कोरोना की जांच के लिए सैंपल लेने के बाद डॉक्टरों ने उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताई। उसी दिन उसे सिविल अस्पताल जालंधर से सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर रेफर कर दिया गया। अमृतसर पहुंचते ही फिर से उसका सैंपल लिया गया तो डॉक्टरों ने रिपोर्ट नेगेटिव बताई। उसे आम मरीजों के वार्ड में रखकर इलाज करना शुरू कर दिया। परिवारवालों ने जब वहां के डॉक्टरों को सिविल अस्पताल जालंधर की पॉजिटिव रिपोर्ट दिखाई तो वहां के डॉक्टरों ने रिपोर्ट को गलत करार दिया।
परिवार के लोग शनिवार को उस वक्त बड़ी दुविधा में पड़ गए जब सब कुछ ठीक ठाक होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक टीम शाम के वक्त गांव नंगल स्थित उनके घर आ पहुंची। टीम ने घर के सभी सदस्यों को एक दूसरे से दूरियां बनाने के निर्देश देते हुए घर के बाहर कोविड-19 का स्टिकर चिपका कर उन्हें 14 दिन के लिए घर के अंदर आईसोलेट रहने के निर्देश सुनाए। परिवार के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए घर के बाहर स्टिकर लगाने से साफ मना कर दिया। मामला बढ़ा तो वहां पर पूर्व सरपंच खुशी राम को बुला लिया। खुशी राम ने जब अधिकारियों को अमृतसर अस्पताल की नेगेटिव रिपोर्ट का हवाला दिया तो अधिकारियों ने उन्हें जालंधर सिविल अस्पताल की पॉजिटिव रिपोर्ट का हवाला दिया।
परिवार वालों का कहना था एक तो वह पहले ही दो वक्त की रोटी के लिए मशक्कत कर रहे हैं, ऊपर से 14 दिन परिवार के घर पर रहने से कमाने और खाने के लाले पड़ जाएंगे। पूर्व सरपंच ने कहा कि यह तो मजाक है कि एक अस्पताल रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरा नेगेटिव बता रहा है। हालांकि सिविल अस्पताल के नोडल अफसर डॉ. र्भूंपदर्र ंसह का कहना है कि मरीज की रिपोर्ट उसके नाम तथा उसे दिए आइडी नंबर से पहचानी जाती है। रिपोर्ट देख ही इस संबंध में कुछ कह सकते हैं।