जालंधर के वरियाणा डंप पर फिर कंट्रोवर्सी, कमिश्नर के खिलाफ संत सीचेवाल की शरण में पार्षद
जालंधर की सबसे बड़ी समस्या वरियाणा डंप से पुराना कूड़ा खत्म करने के बजाय उस पर सियासत शुरू हो गई है। पार्षदों और अफसरों के विवाद में कूड़े को खाद में बदलने और पुराना कूड़ा खत्म करने का काम फिर लटक सकता है।
जालंधर, जेएनएन। महानगर की सबसे बड़ी समस्या वरियाणा डंप से पुराना कूड़ा खत्म करने के लिए तैयार किया गया बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही एक बार फिर सियासत की भेंट चढ़ गया। समाधान से पहले विरोध भी शुरू हो गया। इस बार यह कंट्रोवर्सी निगम कमिश्नर व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ करनेश शर्मा और कुछ पार्षदों के बीच है। ये पार्षद बुधवार को कमिश्नर के खिलाफ एनजीटी की मानिटरिंग कमेटी के सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के शरण में पहुंच गए। उन्होंने सीचेवाल से अपील की कि वह वरियाणा डंप के कूड़े को खत्म करने का प्रोजेक्ट खुद संभालें। पार्षदों और अफसरों के विवाद में कूड़े को खाद में बदलने और पुराना कूड़ा खत्म करने का काम फिर लटक सकता है। पिछले 20 साल में कई बार यह प्रोजेक्ट शुरू और बंद हुआ।
नया विवाद बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट को लेकर है। पार्षद जगदीश समराए इस बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट को लेकर पहले भी एतराज जताते रहे हैं और लोकल बाडी मंत्री से भी मिल चुके हैं। एक साल पहले यह प्रोजेक्ट 72 करोड़ का था और पार्षद समराए के एतराज जताने के बाद इस बदलकर 41 करोड़ का कर दिया गया। समराए को अभी भी यह प्रोजेक्ट महंगा लग रहा है।
हाउस मीटिंग में कमिश्नर और पार्षद समराए में हुई थी बहस
इसे लेकर कमिश्नर और पार्षद समराए में 18 जनवरी की हाउस मीटिंग में बहस भी हुई थी। बुधवार को हेल्थ कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर, मेंबर जगदीश समराए, अवतार सिंह, बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा, शमशेर सिंह खैहरा, कांग्रेस नेता अतुल चड्डा संत बलबीर सिंह सीचेवाल की शरण में गए। उनसे कहा कि वे खुद इस प्रोजेक्ट पर काम करे ताकि स्मार्ट सिटी कंपनी के पैसों की बर्बादी ना हो। उधर डंप से कूड़ा खत्म करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने पहले ही 41 करोड़ का टेंडर लगाया हुआ है।
संत सीचेवाल बोले- 41 करोड़ में तो आधा पंजाब कूड़ामुक्त हो जाएगा
पार्षदों से मीटिंग में संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा है कि वह जल्द ही जालंधर आएंगे और वरियाणा डंप का दौरा भी करेंगे। कहा कि वह डंप का कूड़ा खत्म करने के लिए किसी प्लान पर चर्चा करेंगे ताकि 41 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से बचा जा सके। संत सीचेवाल ने स्मार्ट सिटी कंपनी के 41 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर हैरानी जताई है और कहा कि यह प्रोजेक्ट बेहद महंगा है और इतनी राशि में तो आधे पंजाब का कूड़ा खत्म हो सकता है। संत सीचेवाल इस समय कई गांवों में कूड़े से खाद बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
पानी की सप्लाई भी निर्धारित करने का सुझाव
इससे पहले संत सीचेवाल छप्पड़ और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को खेती में इस्तेमाल करने के प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं और उनका यह प्रोजेक्ट बेहद सफल रहा है। सैकड़ों गांव में सीचेवाल माडल लागू किया गया। संत सीचेवाल ने गांव सीचेवाल में कूड़े से खाद बनाने के प्रोजेक्ट, सीवरेज के पानी को साफ करके खेती में इस्तेमाल करने के प्रोजेक्ट दिखाए। पार्षद जगदीश समराए ने जालंधर में गंदे नाले की सफाई का मामला उठाया।
संत सीचेवाल ने कहा कि सबसे पहले यह जरूरी है कि शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता डबल की जाए। नगर निगम ने प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी के इस्तेमाल के हिसाब से प्लांट लगाए हैं लेकिन असलियत में पानी प्रति व्यक्ति 300 लीटर के हिसाब से सप्लाई हो रहा। ऐसे में अगले 5 साल में सभी प्लांट ओवरलोड हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पानी की सप्लाई भी निर्धारित की जाए और नए ट्यूबवैल लगाने बंद किए जाए। पुराने ट्यूबवैलों से ज्यादा इलाके कवर किए जाए।