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बिहार से बच्चों को जालंधर लाकर बेचने वाला ठेकेदार प्रवेश सदा गिरफ्तार

बिहार से लाकर पंजाब में बच्चे बेचने के मामले में मुख्य आरोपित राम प्रवेश सदा को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिहार के जिला खगड़िया के चौथान थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। सदा ने न केवल सिर्फ जालंधर व आसपास चालीस से ज्यादा बच्चों को बेचा था।

By Edited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 04:24 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 04:24 AM (IST)
जालंधर बाल तस्करी मामले में मुख्य आरोपित राम प्रवेश सदा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जालंधर, [सुक्रांत]। बिहार से लाकर पंजाब में बच्चे बेचने के मामले में मुख्य आरोपित राम प्रवेश सदा को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिहार के जिला खगड़िया के चौथान थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पता चला है कि राम प्रवेश सदा ने न केवल सिर्फ जालंधर शहर में चालीस से ज्यादा बच्चों को बेचा था बल्कि बाकी शहरों में भी बच्चों को ठेकेदारों के पाछ छोड़ा था। अब जालंधर पुलिस प्रवेश और भानू यादव उर्फ मन्नु को एक साथ प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी ताकि बच्चे बेचने के मामले में पूछताछ की जा सके।

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जालंधर के बचपन बचाओ आंदोलन की टीम द्वारा जालंधर पुलिस को शिकायत देने के बाद प्रवेश बिहार भाग गया था। वीरवार को चौथान थाना की पुलिस उसे पकड़ने के लिए किसान के भेष में ही वहां पहुंची क्योंकि पुलिस की वर्दी देखकर उसके भागने की आशंका थी। पुलिस ने वहां रेड की और काम करते हुए प्रवेश को गिरफ्तार कर लिया। थाना चौथान के एसआइ नीलेश कुमार ने बताया कि जालंधर और सहरसा की पुलिस ने उनसे संपर्क किया था जिसके बाद उन्होंने प्रवेश के लिए ट्रैप लगाया हुआ था। उसकी गिरफ्तारी के बाद जालंधर और सहरसा की पुलिस को सूचित कर दिया है।

दिलखुश और गुलशन की एसआईआर रिपोर्ट हुई तैयार, अब जाएंगे अपने घर

जालंधर से बरामद चालीस बच्चों में से 27 को अपने परिजनों से मिलाने और मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करने वाले दिलखुश (11) और गुलशन (10) को अब उनका आशियाना मिल सकता है। पटियाला में बैठे 13 बच्चों सहित उन दोनों की भी सोशल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट नहीं बन पाई थी लेकिन अब दोनों की एसआइआर बन गई है। दिलखुश के पिता मोहन सदा की शिकायत पर ही मामले का खुलासा हुआ था। दिलखुश को भी बिहार से जालंधर लाकर बेचा गया था और उसके पिता की शिकायत पर बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने पुलिस की मदद से उनको छुड़वाया था। दिलखुश और उसके साथी गुलशन प्रवेश सदा का साला मन्नु बिहार में ले गया था। वहां पर पुलिस ने मन्नु को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जालंधर में छुड़वाए गए 40 में से 27 बच्चों को एसआईआर रिपोर्ट क्लीयर होने पर परिजनों के हवाले कर दिया गया था। बाकी 13 बच्चों सहित दिलखुश और गुलशन की रिपोर्ट अभी तक क्लीयर नहीं हुई थी। अब दिलखुश और गुलशन तो अपने घर जल्द पहुंच जाएंगे लेकिन पटियाला में बैठे 13 बच्चों को अभी भी एसआइआर का इंतजार है।

यह था मामला

बीते दिनों बिहार के खगड़िया के मोहन सदा ने बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को शिकायत की थी कि उसके बेटे को प्रवेश सदा नाम के व्यक्ति ने जालंधर लाकर बेचा है। इस मामले में प्रवेश सदा के खिलाफ पर्चा दर्ज हो गया था। आरोपित ने पीड़ित को अपने किसी साथी से फोन करवा के उसका बेटा लौटाने की बात कही थी। उसके बाद बचपन बचाओ आंदोलन संस्था की अगुआई में पुलिस ने गांव फोल्ड़ीवाल के पास एक फार्म हाउस में काम कर रहे 40 बच्चों को मुक्त करवाया था। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ था कि बच्चों को बिहार से लाकर जालंधर में बेचा गया था। अब तक की पुलिस जांच में सामने आया था कि प्रवेश बिहार से लाए बच्चों को अन्य शहरों में भी बेचता था। वह बच्चों को तंग कमरे में रखकर उन्हें यातनाएं भी देता था। अभिभावकों को काम का प्रलोभन दे लेते थे बच्चों की कस्टडी बिहार के चौथम थाने के अधीन आती ठुठ्ठी मोहनपुर पंचायत के खरैता निवासी रामप्रवेश सदा व सहरसा के घोघनपट्टी निवासी भानू यादव मिलकर बच्चों के अभिभावकों को काम कराने का प्रलोभन देकर उनकी कस्टडी लेते थे। बाद में उन्हें देश के अलग-अलग इलाकों में बेच ले जाते हैं। इनकी गैंग में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है इनकी गिरफ्तारी के बाद बड़े स्तर पर बाल मजदूरी कर रहे बच्चों की रिकवरी होगी।


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