पार्टी में अनदेखी पर भड़कीं कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक को सुनाई खरी-खरी
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस की जमीन स्तर पर स्थिति का आकलन करने पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षक पर महिला कार्यकर्ताओं ने भड़ास निकाली है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस की जमीन स्तर पर स्थिति का आकलन करने पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षक पर महिला कार्यकर्ताओं ने भड़ास निकाली है। महिला कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी में उनकी अनदेखी होती है। पार्टी की रैलियों, बैठकों में भीड़ जुटाने के लिए महिलाओं को तो बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है लेकिन जब सरकार बन जाती है तो कहीं एडजस्ट नहीं किया जाता। कांग्रेस भवन में जालंधर शहर की चार शहरी सीटों के केंद्रीय पर्यवेक्षक गोविद शर्मा से मिलने पहुंची महिला कार्यकर्ताओं ने यह नाराजगी जताई और कहा कि अगर महिला कार्यकर्ताओं को सिर्फ भीड़ जुटाने के लिए इकट्ठा करने का साधन ही समझा जाना है तो वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि महिला कार्यकर्ता हमेशा ही पार्षद से ज्यादा काम करती हैं लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। पार्षद 50 हजार रुपये महीना वेतन की मांग कर रहे हैं लेकिन महिला कार्यकर्ता अपने घर खर्च के बजट में से हिस्सा निकालकर पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रही हैं। महिला कार्यकर्ता अपने परिवार का पेट काटकर पार्टी के लिए काम करती हैं लेकिन जब महिलाओं के सम्मान की बात आती है तो सभी पद पुरुषों को दे दिए जाते हैं।
कांग्रेस पर्यवेक्षक गोविद शर्मा से मिलीं महिला कांग्रेस कार्यकर्ता रणजीत कौर राणो, जसविदर कौर बाजवा, आशा, कुलदीप कौर, मनदीप कौर, सुनिता, नीलम रानी ने कहा कि साढ़े चार साल तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है। अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से उम्मीद है कि वह उन्हें सरकारी विभागों में जगह देंगे और चुनाव में टिकट भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षण का भी फायदा तभी होगा जब महिला कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा। अगर पुरुष नेताओं के परिवार की सदस्यों को ही पद दिए जाते रहे तो महिला कार्यकर्ता पार्टी से दूर हो जाएंगी। कांग्रेस पर्यवेक्षक गोविद शर्मा ने विश्वास दिलाया है कि आगामी चुनावों में महिलाओं को उनका हक पूरी तरह से मिलेगा। फीडबैक भी हाईकमान तक भी पहुंचाएंगे। ----------
विधानसभा चुनाव में महिला को टिकट का मामला पहले भी उठा था
केंद्रीय पर्यवेक्षक के सामने महिला कांग्रेस की प्रधान डा. जसलीन सेठी भी यह मांग उठा चुकी हैं कि विधानसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट में आरक्षण मिले। वह जालंधर की नौ विधानसभा सीटों में से एक सीट महिला को देने की मांग उठा चुकी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जालंधर की नौ सीटों में से किसी भी सीट पर कांग्रेस ने महिला को चुनाव नहीं लड़ाया था। ऐसी मांग अन्य शहरों में भी उठ रही हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने 40 प्रतिशत सीट महिलाओं को देने की घोषणा की है लेकिन पंजाब में ऐसी कोई नीति नहीं बनाई है।