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Lakhimpur Kheri Incident: अमृतसर में कांग्रेस नेताओं का मौन व्रत, नवजोत सिंह सिद्धू नहीं पहुंचे

लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलवाने के लिए अमृतसर में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा रेलवे स्टेशन पर मौन व्रत रखा गया है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सिद्धू भी थोड़ी देर में धरने में पहुंचने वाले हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 08:45 PM (IST)
Lakhimpur Kheri Incident: अमृतसर में कांग्रेस नेताओं का मौन व्रत, नवजोत सिंह सिद्धू नहीं पहुंचे
लखीमपुर खीरी घटना को लेकर अमृतसर में धरने पर बैठे कांग्रेसी।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलवाने के लिए अमृतसर में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा रेलवे स्टेशन पर मौन व्रत रखा है। हालांकि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सिद्धू धरने में नहीं पहुंचे। धरने में पीपीसीसी के कार्यकारी प्रधान सुखविंदर सिंह डैनी, एमएलए सुनील दत्त, पीपीसीसी के महासचिव जोगिंदर पाल ढींगरा, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दमनदीप सिंह, सीनियर डिप्टी मेयर रमन पक्षी के अलावा कांग्रेसी कार्यकर्ता बैठे। विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया भी पहुंचे। 

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पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रधान सुखविंदर सिंह डैनी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार धक्केशाही पर उतर आई है। लखीमपुर में मारे गए किसानों को अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। जब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा नहीं हो जाता, तब तक कांग्रेस धरना प्रदर्शन जारी रखेगी। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर केंद्रीय कार्यालय के बाद मौन व्रत का आयोजन किया गया था, जिसे अमृतसर में रेलवे स्टेशन पर सफलता से कांग्रेसी वर्करों ने अंजाम दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू के धरने में ना पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वह वैष्णो देवी गए हुए हैं उन्होंने आना था पर किन्ही कारणों से वह नहीं आ सके।

मौन व्रत के मौके पर भी नेता करते रहे आपस में बात

लुधियाना/जालंधर। लुधियाना में कांग्रेस नेताओं ने डेढ़ घंटे का मौन व्रत रखा। यहां पीछे बैठे वर्कर बात करते रहे। यही हाल जालंधर में भी रहा। यहां भी मौन व्रत पर बैठे कांग्रेस वर्कर आपस में बातचीत करते दिखे। पटियाला में सांसद परनीत कौर के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने दो घंटे मौन व्रत रख विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा कपूरथला में डेढ़, गुरदासपुर, मुक्तसर व कोटकपूरा में दो-दो घंटे का मौन व्रत रख लखीमपुर खीरी हिंसा का विरोध किया गया। बरनाला, संगरूर, बठिंडा, रूपनगर, मोगा, पठानकोट व मुक्तसर में मौन व्रत नहीं रखा गया।

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