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परगट का विरोध बढ़ा, कांग्रेस नेता सतनाम बिट्टा आजाद चुनाव लड़ेंगे, नामांकन भरा

जालंधर कैंट हलके में खेल व शिक्षा मंत्री परगट सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। अब कांग्रेसी ही उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:51 PM (IST)
परगट का विरोध बढ़ा, कांग्रेस नेता सतनाम बिट्टा आजाद चुनाव लड़ेंगे, नामांकन भरा

जागरण संवाददाता, जालंधर : जालंधर कैंट हलके में खेल व शिक्षा मंत्री परगट सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। अब कांग्रेसी ही उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने लगे हैं। टिकट कटने के बाद मोहिदर सिंह केपी द्वारा कैंट से आजाद चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू करने के बाद कांग्रेस के बड़े चेहरे सतनाम सिंह बिट्टा ने भी चुनावी मैदान में बगावत करके आजाद उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। बिट्टा ने साल 2017 चुनाव में भी पार्टी से टिकट की मांग की थी और इस बार भी वह लगातार विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। सतनाम सिंह बिट्टा ने पिछले लंबे समय से कैंट में प्रचार अभियान छेड़ा हुआ है। वह पंजाब कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। बिट्टा के नामांकन दाखिल होने से परगट सिंह के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है क्योंकि विरोध की कड़ी आगे बढ़ सकती है। सतनाम बिट्टा ने कहा कि वार्ड स्तर से लेकर पंजाब कांग्रेस के महासचिव तक के पद भी काम करने का फल यह है कि बाहर से आए लोगों के आगे झुकना पड़ रहा है। जिस परगट सिंह को पार्टी में शामिल किया, जनता से वोट मांगे आज वह कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओं को ही बाहर निकाल रहा है। पार्टी के लिए 35 साल तक सेवा की लेकिन जब टिकट की बारी आई तो परगट सिंह आगे आ गए। उन्हें मंत्री बनाया गया है, पार्टी का महासचिव बनाया गया है। ऐसे में कांग्रेस तो खत्म होगी ही। वह अपनी आवाज उठाने के लिए मैदान में हैं।

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राणा रंधावा भी उतर सकते हैं मैदान में

इसी सीट से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन राजिदर पाल सिंह राणा रंधावा भी टिकट की मांग करते रहे हैं और परगट सिंह को टिकट देने का विरोध जता रहे हैं। राणा रंधावा का कैंट में बड़ा आधार है और अगर राणा भी बगावत पर उतर आते हैं तो परगट सिंह के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी। राणा पहले ही कह चुके हैं कि बाहरी लोगों को कांग्रेस में आगे लाया जा रहा है जिससे कांग्रेस की विचारधारा वाले कार्यकर्ता घरों पर बैठने को मजबूर हैं। राणा बीते पांच सालों से इस इलाके में काफी सक्रिय थे। अलबत्ता 2012 के बाद से ही उन्होंने कैंट हलके में अपना जनाधार बनाना शुरू कर दिया था।

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रोचक होगा मुकाबला

इस बार जालंधर छावनी में मुकाबला काफी सख्त माना जा रहा है। छावनी से मौजूदा विधायक परगट सिंह ही उम्मीदवार रहेंगे और अकाली दल ने पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़ को मैदान में उतारा है। जगबीर सिंह बराड़ जमीनी स्तर पर मजबूत माने जाते हैं। आम आदमी पार्टी का भी कैंट में बड़ा आधार है और ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढ़ी यहां से मैदान में हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ को मैदान में उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। मक्कड़ इस सीट से एक चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हलके के बारे में अच्छी जानकारी भी हैं, क्योंकि मक्कड़ इस हलके में 2012 से ही सक्रिय रहे हैं। किसान मोर्चा की तरफ से जसविदर सिंह संघा पर भी नजर रहेगी कि वह किस उम्मीदवार को कितना नुकसान पहुंचाते हैं। संघा भी हाकी खिलाड़ी रह चुके हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है वह भी परगट के वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे।


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