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शहर दरबार : सिद्धू के पक्ष में कैंपेन की तैयारी, सही समय की तलाश जारी

कुछ नेता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों से जुड़े हैं। यह सरकार की कारगुजारी से खुश नहीं है। इसलिए सिद्धू को अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाना चाहते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 04:33 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 07:51 AM (IST)
शहर दरबार : सिद्धू के पक्ष में कैंपेन की तैयारी, सही समय की तलाश जारी

जालंधर [जगजीत सुशांत]। पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब मंत्रिमंडल में वापसी की चर्चा से पहले शहर के कई नेता इस मंथन में जुट गए हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष में कैंपेन कैसे खड़ी की जाए। इसे लेकर कुछ कांग्रेस नेताओं ने गहन मंथन किया है। साल 2022 का विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ कर कांग्रेस की वापसी चाहने वाले इन नेताओं ने अभी से तैयारी का प्लान बनाया है। चूंकि जालंधर मीडिया सेंटर है ऐसे में यह कैंपेन पूरे सूबे में असर छोड़ेगी। कांग्रेस के कुछ पूर्व पार्षदों, सीनियर नेताओं ने एक गुप्त मीटिंग कर ली है और कैंपेन को सार्वजनिक करने के लिए सही समय की तलाश में हैं। इनमें से कुछ नेता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबियों से जुड़े हैं। यह सरकार की कारगुजारी से खुश नहीं है। इसलिए सिद्धू को अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाना चाहते हैं। 

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निगम में मुलाजिमों का संकट

पंजाब सरकार की 58 साल की उम्र के बाद एक्सटेंशन खत्म करने की नीति से नगर निगम में मुलाजिमों का संकट खड़ा हो रहा है। निगम के लगभग सभी विभागों में प्रमुख पदों पर एक्सटेंशन पर चल रहे अधिकारियों-मुलाजिमों का दबदबा है। नई नीति से इनका जाना तय है। कई मुलाजिम तो बीते माह ही रुखसत हो चुके हैं तो कुछ जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में निगम का काम प्रभावित हो सकता है। अकाउंट डिपार्टमेंट, बीएंडआर, ओएंडएम में काफी काम पहले ही ठेके पर भर्ती के सहारे चल रहा है। अकाउंट डिपार्टमेंट का काम तो कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो रहा है। एक्सटेंशन खत्म होने से पहले ही फाइनांस डिपार्टमेंट के हेड रविंदर सिंह ने इस्तीफा देकर हलचल मचा दी थी लेकिन मेयर जगदीश राजा ने उन्हें दोबारा मना लिया है। ऐसा ही अन्य विभागों में भी हो रहा है और मुश्किल जल्द खत्म होने वाली नहीं है। 

शिअद की रैली से टकराव

पार्टी को मजबूत करने के लिए शिरोमणि अकाली दल की हर शहर में प्रस्तावित रैलियों से जालंधर में राजनीति तेज हो गई है। 29 मार्च को जालंधर में रैली को लेकर खींचतान चल रही है। शिअद जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण और पूर्व विधायक सरबजीत मक्कड़ में 36 का आंकड़ा है। यह दोनों गुट ही राजनीति में सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। एक तरफ मक्कड़ अकेले हैं तो दूसरी तरफ मन्नण के साथ कई नेता हैं लेकिन रैली में मन्नण समर्थकों के लिए भीड़ जुटाना बड़ी चुनौती रहने वाली है। पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया मजबूत हैं लेकिन वेस्ट हलका भाजपा कोटे में है और आरक्षित भी है। वह रैली के ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। फिलहाल फोकस मक्कड़ वर्सेस अदर हो गया है। मन्नण सूर्या एन्क्लेव में रैली करवाना चाहते हैं, पर सवाल भीड़ का है। कैंट में रैली होती है तो मक्कड़ सब पर भारी पड़ सकते हैं। 

यूनियनों का जवाब

नगर निगम सफाई मुलाजिमों की हड़ताल को लेकर बेशक इस बार मेयर जगदीश राज राजा यूनियनों पर हावी रहे हों लेकिन यूनियनें भी अब बदला लेने में पीछे नहीं हट रही हैं। हालांकि मुलाजिमों ने हड़ताल खत्म कर दी है लेकिन बावजूद इसके काम में वह तेजी नहीं आ रही है जो अमूमन हड़ताल के बाद देखी जाती रही है। इससे पहले जब भी कभी हड़ताल खत्म हुई तो उसके बाद मुलाजिम शहर को दो-तीन दिन में ही पूरी तरह से साफ कर देते थे लेकिन इस बार यूनियन नेता और मुलाजिमों ने वह जज्बा नहीं दिखाया है। हालांकि बरसात बीच में बाधा बनी है लेकिन यह भी सफाई मुलाजिमों के लिए एक बहाना बन गया है। अब मेयर के लिए यूनियनों को साथ लेकर चलना भी चुनौती रहेगा और मुलाजिमों से काम कराना भी। इस बीच यह भी चर्चा है कि सीवरमैन की भर्ती को लेकर यूनियन कोर्ट भी जा सकती हैं। 

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