कांग्रेस को बड़ी जीत लेकिन विकल्प तलाश रहे वोटर
स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है लेकिन जालंधर में कुछ जगह के नतीजों ने कांग्रेस को मंथन के लिए मजबूर कर दिया। वोटरों का झुकाव आजाद उम्मीदवारों की तरफ रहा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है लेकिन जालंधर में कुछ जगह के नतीजों ने कांग्रेस को मंथन के लिए मजबूर कर दिया। वोटरों का झुकाव आजाद उम्मीदवारों की तरफ रहा है और यह स्पष्ट करता है कि वोटर कांग्रेस से खुश नहीं है और नया विकल्प भी तलाश रहे हैं। इसी कारण से बड़ी गिनती में आजाद उम्मीदवार जीते। कांग्रेस के लिए इसलिए भी चिंतनीय है क्योंकि अगर अकाली दल ने किसी अन्य दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा होता तो कांग्रेस के लिए भी रास्ता इतना आसान न होता। विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस विरोधी अगर गठबंधन करते हैं तो कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं होगी। कांग्रेस ने 8 में से चार जगह ही स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। नकोदर में सिर्फ एक सीट ने बचा लिया, नहीं तो किसी आजाद उम्मीदवार को समर्थन लेना पड़ता। यहां शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने कांग्रेस का रास्ता रोकने की कोशिश की है। दोनों अलग-अलग लड़े हैं और अगर यहां पर अकाली दल और बसपा में गठबंधन होता तो नकोदर भी कांग्रेस के हाथ से निकल सकता था। नकोदर के 17 वार्ड में से 6 सीटों पर अकाली दल और बसपा का समर्थन हासिल आजाद उम्मीदवार ही जीते हैं। नूरमहल व अलावलपुर में अपने चुनाव चिन्ह पर एक भी प्रत्याशी न उतारना बहुत कुछ कह जाता है। नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर बड़ा काम करने की जरूरत रहेगी, अन्यथा 1 साल के बाद स्थिति और भी ज्यादा नुकसान वाली हो सकती है।