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किस EVM के साथ कौन सी VVPAT लगेगी, चुनाव अफसर नहीं कंप्यूटर करेगा फैसला

किस ईवीएम के साथ कौन सी वीवीपैट लगेगी इसका फैसला चुनाव अफसर नहीं बल्कि कंप्यूटर करेगा। इसके लिए कंप्यूटर में नंबर भरकर इनकी दो चरणों में अलॉटमेंट होगी।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 08:25 AM (IST)
किस EVM के साथ कौन सी VVPAT लगेगी, चुनाव अफसर नहीं कंप्यूटर करेगा फैसला

जालंधर, [मनीष शर्मा]। किस ईवीएम के साथ कौन सी वीवीपैट लगेगी, इसका फैसला चुनाव अफसर नहीं बल्कि कंप्यूटर करेगा। इसके लिए Computer में नंबर भरकर इनकी दो चरणों में अलॉटमेंट होगी। पहले चरण में इन्हें विधानसभा क्षेत्रों में बांटा जाएगा जबकि दूसरे चरण में विधानसभा क्षेत्रों के Polling बूथों के हिसाब से इनका बंटवारा होगा। राजनीतिक दलों के आरोपों व किसी तरह की मानवीय भूल से बचने के साथ निष्पक्ष चुनाव के दावे को पुख्ता बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। भारतीय चुनाव आयोग ने पंजाब को EVM व VVPAT मशीनों की Computer से रेंडमाइजेशन के लिए शनिवार सुबह 11 बजे का समय दे दिया है। जब यह बंटवारा किया जाएगा, तो चुनाव आयोग के अफसर दिल्ली से इस पूरी प्रक्रिया पर Software के जरिए निगाह रखेंगे और अलॉटमेंट की लिस्ट भी अपने Record में रखेंगे।

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इस बारे में जिला स्तर के चुनाव अफसरों को सूचना भेज दी गई है। इसके बाद सभी EVM व VVPAT का रिकॉर्ड दुरुस्त कर चुनाव अफसरों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। जालंधर में कुल दो हजार ईवीएम व वीवीपैट का ब्यौरा Software में डाला गया है। पंजाब में साल 2017 में ईवीएम के बैलेट यूनिट व Control Unit के लिए इसी सॉफ्टवेयर का सफल इस्तेमाल किया गया था। इलेक्शन तहसीलदार मनजीत सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इसकी तैयारियां कर ली गई हैं।

बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट व वीवीपैट का ब्यौरा कंप्यूटर में 

ईवीएम के दो हिस्से होते हैं, जिसमें बैलेट यूनिट व Control Unit शामिल हैं। इन चुनावों में पहली बार सभी बूथों पर हर EVM के साथ वीवीपैट मशीन भी जोड़ी जा रही है। वीवीपैट के जरिए लोग Vote देने के सात सेकेंड तक देख सकेंगे, कि बैलेट यूनिट पर उन्होंने जिसका Button दबाया है, वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं।

ऐसे होगी रेंडमाइजेशन 

चुनाव आयोग के दिए समय में इस Software में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के लिए उनके बूथों के हिसाब से ईवीएम के बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की संख्या भर दी जाएगी। इसके बाद उसमें दी रेंडमाइजेशन की ऑप्शन को क्लिक करते ही विधानसभा को कुल उतनी EVM व वीवीपैट अलॉट हो जाएंगे, जितने उनके यहां बूथ हैं। हालांकि मतदान के वक्त Machine में खराबी की आशंका को देखते हुए हर विधानसभा क्षेत्र को तय बूथों से पंद्रह फीसदी ज्यादा ईवीएम-वीवीपैट का सैट देने की भी योजना है। पहले चरण में विधानसभा क्षेत्रों को अलॉट होने के बाद फिर इनका इसी सॉफ्टवेयर में रेंडमाइजेशन किया जाएगा, जिसमें इन्हें बूथों के हिसाब से बांटा जाएगा। 

ऐसे समझें, कैसे होगी अलॉटमेंट

ईवीएम के बैलेट व कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट Machine का यूनीक नंबर रहता है। इनकी अलॉटमेंट तीनों हिस्सों में अलग-अलग होनी है। कंप्यूटर Software से रेंडमाइजेशन के बाद ही लिस्ट निकलेगी कि किस बैलेट यूनिट के साथ कौन सा कंट्रोल यूनिट और कौन सी VVPAT मशीन का नंबर आया है और यह किस विधानसभा क्षेत्र में जानी है। उसी लिस्ट के हिसाब से स्ट्रॉन्ग रूम से मशीनें निकालकर दी जाएंगी। फिर विधानसभा वाइज दी गई मशीनों की तीनों हिस्सों की दोबारा रेंडमाइजेशन कर बूथों के लिए अलॉटमेंट की जाएगी। इस लिहाज से किसी को कुछ पता नहीं चलेगा कि कौन सा हिस्सा किसके साथ Attach होकर कहां जाने वाला है। इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव अफसरों के साथ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। 

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