राजनीतिक अखाड़ा नगर निगम हाउस बना, लोगों से जुड़े मुद्दों पर नहीं होती बात Jalandhar News
भाजपा पार्षद दल के डिप्टी लीडर सुशील शर्मा ने आरोप लगाया कि हाउस की मीटिंग में मेयर जगदीश राजा के इशारे पर योजना के तहत विपक्ष की आवाज दाबने की कोशिश की जा रही है।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम हाउस की शुक्रवार को हुई मीटिंग में हंगामे के कारण शहर की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा ही नहीं हो पाई। हाउस की मीटिंग जनता के मुद्दों, समस्याओं पर चर्चा करके दूर करने, नई प्लानिंग, नए नियम बनाने के लिए होनी चाहिए, लेकिन हकीकत यह है कि इसे छोड़ कर सब हो रहा है। हाउस राजनीति का अखाड़ा बन गया है। कांग्रेस की राजनीति यही है कि विपक्ष को आवाज उठाने से रोका जाए, कमजोर विपक्ष की यही कोशिश है कि वह एजेंडे पर बहस की बजाए निगम हाउस में दूसरे मुद्दों पर शोर मचा कर अपनी पहचान बनाए रखे। इस सब के चक्कर में शहर की समस्याओं पर बात ही नहीं हो पा रही। समस्याएं ज्यों कि त्यों खड़ी हैं। हाउस की मीटिंग के एजेंडे पर भी चर्चा नहीं हुई। इसी सब के लिए दोनों दलों के नेता इक दूजे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मेयर ने योजनाबद्ध तरीके से विपक्ष को दबाया : सुशील शर्मा
भाजपा पार्षद दल के डिप्टी लीडर सुशील शर्मा ने आरोप लगाया कि हाउस की मीटिंग में मेयर जगदीश राजा के इशारे पर योजना के तहत विपक्ष की आवाज दाबने की कोशिश की जा रही है। सुशील शर्मा ने कहा कि हाउस में म्यूनिसिपल एक्ट 1994 की अवहेलना की गई है। विपक्ष उन मुद्दों को ही निगम कमिश्नर और मेयर के समक्ष रख रहा था जो सीधे लोगों से जुड़े हैं। पूर्व पार्षद भगवंत प्रभाकर, कंवलजीत सिंह बेदी ने कहा कि मेयर यह भूल गए हैं कि उन्होंने उन पार्षदों की अवहेलना की है जिन्होंने निगम एक्ट के सेक्शन 35 के तहत शहर का विकास करने की शपथ ली थी। मेयर और कमिश्नर ने नगर निगम अधिनियम 1994 की अनदेखी करते हुए प्रस्तावों के पास होने के बाद भी उस पर चर्चा जारी रखी जो कि पूर्ण रूप से आलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। पार्षदों को पेंशन देने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ही चर्चा करेगा।
कई मुद्दों पर चर्चा की थी जरूरत
सुशील शर्मा ने कहा कि निगम के जनरल हाउस में कूड़े, सीवरेज, सड़क, अवैध कॉलोनियों, एलईडी लाइट्स पर चर्चा करने की जरूरत थी लेकिन मेयर और उनके समर्थक पार्षदों ने ऐसा नहीं होने दिया। सुशील शर्मा ने कहा कि बल्टर्न पार्क की जमीन स्पोर्ट्स के लिए है ऐसे में वहां स्कूल और थाना खोलना कहां तक सही है। इस पर भी कोई चर्चा नहीं की गई। पशुओं को पकड़ कर शाहकोट और फरीदकोट भेजने के लिए खर्च तय किए हैं लेकिन निगम कभी यह नहीं बताता कि उसे काऊ सैस से कितनी इनकम हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर जनरल हाउस की बैठक में जनता के मुद्दों को ऐसे ही नजरअंदाज करना है तो किसी प्रकार की कोई बैठक न ही की जाए।
विपक्ष तैयार होकर आए, अगली बार सिर्फ वही बालेंगे : मेयर
मेयर जगदीश राजा ने कहा कि विपक्ष की कोशिश हाउस में हंगामे की ही होती है। एजेंडे पर चर्चा करें तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। विपक्ष के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वह हाउस को खराब करता है। अगर उन्हें वास्तव में मुद्दों पर बात करनी है तो अगले 10 दिनों में हाउस की मीङ्क्षटग होने जा रही है। उसके लिए तैयारी करके आएं। हाउस में विपक्ष ही बोलेगा और उनके हर सवाल का जवाब मिलेगा। विपक्ष के मुद्दे खत्म होंगे तो कांग्रेस के पार्षद अपनी बात करेंगे।
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