डोप पर सवाल, नींद की दवा के चलते विधायक का टेस्ट पॉजीटिव
-सही साबित हुई कर्मचारियों और नेताओं की शंका -काग्रेसी विधायक सुरिंदर सिंह डिप्रेशन
-सही साबित हुई कर्मचारियों और नेताओं की शंका
-काग्रेसी विधायक सुरिंदर सिंह डिप्रेशन के चलते ले रहे थे नींद की दवा
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जागरण संवाददाता, जालंधर: नशे को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद से ही कर्मचारी व विपक्षी दल के नेता इसका विरोध कर रहे थे। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इसे आनन-फानन में लिया निर्णय बताया था। अब कांग्रेस का यह निर्णय अपने पर ही भारी पड़ गया है। जालंधर जिले के करतारपुर विधानसभा हलके से काग्रेसी विधायक चौधरी सुरिंदर सिंह के डोप टेस्ट की रिपोर्ट पॉजीटिव पाई गई है। जाच के दौरान डॉक्टरों ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें विधायक के यूरीन सैंपल में दिमाग के रसायनों को कंट्रोल करने वाली दवा बेंजोडाइजेपिन की मात्रा पाई गई है। डॉक्टरों के अनुसार यह दवा नींद नहीं आने की स्थिति में ली जाती है। कर्मचारियों और नेताओं ने कैप्टन के फैसले पर इसी बात की शंका जताई थी, जो सही साबित हुई कि यदि कोई व्यक्ति बीमारी के चलते ऐसी दवाइयां लेता है, तो उसका टेस्ट भी पॉजीटिव आएगा।
विधायक सुरिंदर चौधरी ने डोप टेस्ट फॉर्म भरते समय जिक्र किया था कि वे डिप्रेशन और नींद न आने की समस्या के चलते इसी दवा का सेवन करते आ रहे हैं। इस पर उनका यूरीन का सैंपल लिया गया, जाच के बाद रिपोर्ट में डिप्रेशन और नींद की समस्या को दूर करने के लिए ली जाने वाली दवा की पुष्टि हुई है। सिविल अस्पताल के एसएमओ तरलोचन सिंह का कहना है कि अगर कोई भी डिप्रेशन को दूर करने के लिए इस तरह की दवा का सेवन करता है, तो उसका डोप टेस्ट पॉजीटिव आएगा। उन्होंने बताया कि इनके साथ ही सासद संतोख सिंह चौधरी, विधायक राजिंदर बेरी और बावा हैनरी का डोप टेस्ट हुआ था, जो नेगेटिव पाया गया।