Move to Jagran APP

मिट्ठापुर के हॉकी सितारों मनप्रीत, मनदीप और वरुण के हैं ये 'द्रोणाचार्य'

विश्व हॉकी कप में खेल रहे मिट्ठापुर के चार खिलाड़ियों में से तीन खिलाड़ी मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह और वरुण कुमार के द्रोणाचार्य एक हैं। सुरजीत मिट्ठा तीनों खिलाड़ियों के कोच हैं।

By Edited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 07:19 AM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 10:29 AM (IST)
मिट्ठापुर के हॉकी सितारों मनप्रीत, मनदीप और वरुण के हैं ये 'द्रोणाचार्य'
मिट्ठापुर के हॉकी सितारों मनप्रीत, मनदीप और वरुण के हैं ये 'द्रोणाचार्य'

जालंधर [कमल किशोर]। कहते हैं गुरु के बिना गति नहीं होती। गुरु का सिखाया हुआ जीवन में काम आता है। गुरु द्वारा सिखाई गई हर बात जीवन में धारण करके एक दिन मुकाम हासिल कर सकते है। जब शिष्य नाम रोशन करता है तो गुरु का सीना चौड़ा होता है। जी हां, विश्व हॉकी कप में खेल रहे मिट्ठापुर के चार खिलाड़ियों में से तीन खिलाड़ी मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण कुमार के द्रोणाचार्य एक है। इनकी प्रतिभा को संवारा है कोच सुरजीत मिट्ठा ने। तीनों खिलाड़ी 11 व 12 वर्ष की आयु में ही कोच सुरजीत मिट्ठा की शरण में चले गए थे। उनकी सरपरस्तीमें तीनों ने हॉकी की तकनीक बारीकियां सीखीं। 

loksabha election banner

मनदीप था सबसे शरारती, नहीं रहने दिया था हॉस्टल में

पूछने पर कोच सुरजीत मिट्ठा ने हंसते हुए बताया कि तीनों में से मनदीप सबसे शरारती था। वे उसे सुरजीत सिंह एकेडमी के हॉस्टल में रखने की बजाय रोजाना अपने साथ लेकर जाते थे। तीन वर्ष कोचिंग देने के दौरान मनदीप को अपने साथ ही रखा। डर था कहीं वह हॉस्टल में रहकर और शरारती न बन जाए। कोच सुरजीत मिट्ठा ने बताया कि वह स्वयं मिट्ठापुर के हैं। इसलिए मनदीप को ट्रेनिंग के दौरान ले जाने व छोड़ने के लिए मिट्ठापुर जाते थे।

मैच पलटने का रखते हैं दम

मनप्रीत और वरुण कुमार के बारे में उन्होंने बताया कि तीनों खिलाड़ियों में हॉकी खेलना का जुनून था। मनप्रीत व वरुण कुमार शरारती कम थे। मनप्रीत तो घर से चोरी-चोरी मिट्ठापुर के खेल मैदान में पहुंच जाता था। कई बार मनप्रीत के पारिवारिक सदस्य उसे खेल मैदान में देखने के लिए पहुंच जाते थे। मिट्ठापुर के तीनों खिलाड़ियों में कुछ कर दिखाने का दम रखते है।

कई ओलंपियन को दी कोचिंग

कोच सुरजीत मिट्ठा ओलंपियन आकाशदीप, हरमनप्रीत सहित कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुके हैं। आज ये खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे है। कोच सुरजीत मिट्ठा ने कहा कि जब शिष्य बढि़या करता है तो सिर फख्र से ऊंचा हो जाता है। जब सुरजीत मिट्ठा से पूछा गया कि आपको मिट्ठा क्यों कहते है तो उन्होंने हंसकर जवाब दिया कि मिट्ठापुर में रहने के चलते लोगों ने सुरजीत मिट्ठा के नाम से बुलाना शुरू कर दिया।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.