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उद्यमी 150 एकड़ सस्ती जमीन मुहैया कराएं, बन जाएगा नया फोकल प्वाइंट : डीसी

फोटो:31,32जेपीजी जागरण संवाददाता, जालंधर सीआईआई ( कंफीाडरेशन इंडियन इंडस्ट्री) जालंधर एमएसएमई ( माइक्रो स्माल मीडियम इंटरप्राइजिज) समिट 201

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 10:10 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 10:27 PM (IST)
उद्यमी 150 एकड़ सस्ती जमीन मुहैया कराएं, बन जाएगा नया फोकल प्वाइंट : डीसी
उद्यमी 150 एकड़ सस्ती जमीन मुहैया कराएं, बन जाएगा नया फोकल प्वाइंट : डीसी

जागरण संवाददाता, जालंधर : अगर शहर के उद्यमी 150 एकड़ जमीन सस्ती मुहैया करवा दें तो जालंधर में नए फोकल प्वाइंट का निर्माण जल्द संभव हो सकता है। यह बात डीसी वरिंदर शर्मा ने कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ), जालंधर माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज समिट 2018 के शुभारंभ के अवसर पर कही। इस मौके पर डीसी के साथ सीआइआइ पंजाब स्टेट एंड डायरेक्टर मार्के¨टग कामना राज अग्रवाल, धीमान इंडस्ट्रीज के अ¨मदर ¨सह धीमान, पीकेएफ फाइनेंस के एमडी अलोक सौंधी, अजय मैन्यूफैक्च¨रग के चेयरमैन अजय कुमार गोस्वामी, गैट्स इंडिया लिमिटेड के एमडी नलिन तयाल भी मौजूद थे।

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समिट शुरू होते ही उद्यमियों ने लावारिस पशुओं का मुद्दा उठाया और नए फोकल प्वाइंट की बात रखी। डीसी व¨रदर शर्मा ने कहा कि लावारिश पशुओं के लिए शहर से बाहर शेड बनाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री कारपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत सरकार के साथ जुड़कर सामाजिक कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले। समिट में उद्यमी न¨रदर ¨सह सग्गू, अश्विनी विक्टर, रघु एक्सपोर्ट के एमडी प्रवीण कुमार, उद्यमी आरके गांधी, गुरशरण ¨सह, तुषार जैन व अन्य उद्यमी उपस्थित थे।

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:::पैनल डिस्कशन:::

एमएसएमई इंडस्ट्री बिलों का हिसाब नहीं रखती : शिवा मेहरा

कोटक म¨हद्रा के चीफ मैनेजर शिवा मेहरा ने कहा कि इंडस्ट्री को फाइनेंस देने में कोई दिक्कत नहीं है। इंडस्ट्री बैलेंस शीट सही ढंग से मेनटेन नहीं करती। बैंक देश के 80 प्रतिशत लार्ज इंडस्ट्री को फाइनेंस देता है। एमएसएमई की बैलेंस शीट सही न होने की वजह से फंड मुहैया करवाने में दिक्कत होती है।

इंडस्ट्री को ऋण जीएसटी देखकर देंगे : नलिन तयाल

गैट्स इंडिया लिमिटेड के एमडी नलिन तयाल ने कहा कि अगले वर्ष सरकार की कोशिश है कि इंडस्ट्री को ऋण जीएसटी रिटर्न देखकर ही दिया जाए। पीकेएफ फाइनेंस के वाइस प्रेसीडेंट आशिम सौंधी ने कहा कि कंपनी पुरानी व नई मशीनरी को फाइनेंस मुहैया करवाती है।

अफसरों ने भी रखे विचार

लेबर डिपार्टमेंट के एडिशनल कमिश्नर सुख¨जदर ¨सह ने कहा कि मजदूरों को विभिन्न स्कीमों का लाभ दिया जा रहा है। पहले विभाग स्कीम के पैसे लेबर को कैश देता था। अब पैसे उनके खाते में भेजे जा रहे हैं। प्रदूषण विभाग के इंजीनियर अरुण कक्कड़ ने बताया कि इंडस्ट्री स्वयं प्रदूषण को कंट्रोल नहीं करती तो खत्म करना नामुमकिन है।


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