पवित्र बेईं, सतलुज और ब्यास दरिया के जलचर जीवों का ध्यान रखने की मांग
केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली से अमृतसर तक बनाए जा रहे राष्ट्रीय मार्ग का सर्वे करने के लिए आई टीम को मांगपत्र दिया गया।
संवाद सूत्र, शाहकोट : केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली से अमृतसर तक बनाए जा रहे राष्ट्रीय मार्ग का सर्वे करने के लिए आई टीम को पवित्र बेईं, सतलुज व ब्यास दरिया का वातावरण वातावरण पक्ष से ख्याल रखने के लिए मांगपत्र दिया गया। ये मांगपत्र वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की ओर से भेजे शिष्टमंडल ने सौंपा। मांगपत्र दिया।
मांगपत्र में बताया गया कि ये राष्ट्रीय मार्ग पंजाब में इन दरियाओं से होकर निकलता है। इसके बाद सर्वे टीम ने ब्यास के किनारे अमृतपुर राजेवाल में किसानों और दरिया के किनारे फसलों, वनस्पति, जंगलात की संभाल करने संबंधी सुझाव भी लिए। इस मार्ग का एक हिस्सा जालंधर के गांव कंग साबू के पास सुल्तानपुर लोधी के बीच में होकर जाना है और एक हिस्सा वहां से करतारपुर, भुलत्थ होता हुआ ब्यास दरिया पार करके अमृतसर जाना है।
वीरवार को हुई बैठक में संत सीचेवाल की ओर से शामिल हुए सेवादार गुरविदर सिंह बोपाराय, गुरदेव सिंह फौजी और सतनाम सिंह सादी उपस्थित थे। किसानों की ओर से कश्मीर सिंह दद्दूपूर, गुरचरण सिंह सरपंच, गुरचरण सिंह मेंबर पंचायत, सरपंच मुख्त्यार सिंह, पूर्व सरपंच शिदर सिंह और क्षेत्र के किसान शामिल हुए।
प्रति एकड़ एक करोड़ मुआवजा दिया जाए
केंद्रीय टीम को कहा गया कि इस मार्ग के अधीन जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित होनी है, उन्हें एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। नेशनल हाईवे पर बनने वाले मॉटेल, पेट्रोल पंपों तथा मॉल के साथ-साथ किसान हट बनाने की भी सुविधा दी जाए ताकि स्थानीय किसान अपनी फसल और सब्जियां तथा फल यात्रियों को बेच सकें।