एससी बच्चों के बजाय कैप्टन ने धर्मसोत को बचाया : चीमा
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम में करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को मुख्यमंत्री दरबार का कमाने वाला मोहरा करार दिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम में करोड़ों रुपये के घोटाले में शामिल मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को मुख्यमंत्री दरबार का कमाने वाला मोहरा करार दिया। उन्होंने इस घोटाले के पीछे कैप्टन अमरिदर सिंह का सीधा हाथ होने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हरपाल सिंह चीमा मंगलवार को पार्टी विधायकों मनजीत सिंह बिलासपुर व मास्टर बलदेव सिंह, राजविदर कौर और आत्म प्रकाश बबलू के साथ प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अमरिदर सिंह नई वजीफा स्कीम के ऐलान के साथ पोस्ट मैट्रिक योजना में अब तक की लूट पर पर्दे नहीं डाल सकते। उन्होंने धर्मसोत को बर्खास्त कर पूरे वजीफा गिरोह के साथ गिरफ्तार करने की मांग की। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2022 में आप सरकार बनते ही साधु सिंह धर्मसोत समेत इस घोटाले में शामिल गिरोह को कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
हरपाल चीमा ने आरोप लगाया कि पिछली बादल सरकार के रास्ते पर चलते मौजूदा अमरिदर सिंह सरकार ने एससी परिवारों के साथ संबंधित लाखों होनहार विद्यार्थियों का भविष्य तबाह कर दिया। कैप्टन एवं बादल सरकारों की एससी विरोधी मानसिकता और बेहद भ्रष्ट कार्यप्रणाली ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को ही घोटाले की भेंट चढ़ा दिया, परंतु अब चुनाव से पहले स्कालरशिप के नाम पर वजीफा योजना में किए घोटाले पर पर्दा डालने में लगी है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जिस जल्दबाजी से अमरिदर सिंह सरकार ने साधु सिंह धर्मसोत को 64 करोड़ के वजीफा घोटाले में क्लीन चिट दी है, उससे साफ है कि गरीबों के लाखों होनहार बच्चों के पैसे के गबन में कैप्टन का सीधा हाथ है। चीमा ने कहा कि यदि कैप्टन सरकार ने एससी बच्चों का पैसा वापस न किया तो 'आप' की आगामी सरकार इन सभी घोटालेबाजों की जायदादें कुर्क करके एससी विद्यार्थियों के खाते में डालेगी।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अब धर्मसोत को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं, जबकि अपनी सरकार के समय पर तत्कालीन मंत्री गुलजार सिंह राणीके को मोहरा बनाकर न केवल वजीफे बल्कि शगुन स्कीम भी हजम करते रहे हैं। चीमा ने आरोप लगाया कि बादलों के राज में वजीफा स्कीम में लगभग 1200 करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ था।