पीएम मोदी की राह चले कैप्टन अमरिंदर, 'आस्क कैप्टन' में लोगों के सवालों के दे रहे जवाब
कैप्टन अमरिंदर सिंह शनिवार को आस्क कैप्टन के नाम से फेसबुक लाइव करते हैं। जैसे मोदी लोगों से सुझाव मांगते हैं वैसे ही कैप्टन भी लोगों से सवाल मांगते हैं और फिर फेसबुक लाइव के जरिये उनके जवाब देते हैं।
जालंधर, मनीष शर्मा। जनता से सीधे संवाद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तौर तरीके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भा गए हैं। पीएम मोदी 'मन की बात' के जरिए लोगों से संवाद करते हैं। लोगों के प्रयास व कामयाबी को भी इसमें शामिल करते हैं। इसी तर्ज पर अब कैप्टन भी शनिवार को 'आस्क कैप्टन' के नाम से फेसबुक लाइव करते हैं। जैसे मोदी लोगों से सुझाव मांगते हैं, वैसे ही कैप्टन भी लोगों से सवाल मांगते हैं और फिर फेसबुक लाइव के जरिये उनके जवाब देते हैं।
अब कैप्टन ने वर्चुअल उद्घाटन के जरिए भी लोगों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। कुछ रोज पहले जालंधर में विकास कार्यों का उद्घाटन होना था तो जगह-जगह एलईडी लगाकर इसको लाइव दिखाया गया। शहर के सार्वजनिक चौराहों से लेकर स्कूलों में भी इसका प्रसारण हुआ। पीएम मोदी का जनता से जुड़ाव का यह तरीका कैप्टन को भी खूब रास आ रहा है।
पुकारती पुलिस और भागते अपराधी
यूं तो सूबे से आतंकवाद को खत्म करने वाली पंजाब पुलिस का दम-खम का लोहा पूरी दुनिया मानती है लेकिन बदलते समय के साथ इन दिनों पुलिस की इस कदर फजीहत हो रही है कि खुद डीजीपी दिनकर गुप्ता तक को सफाई देनी पड़ रही है। दरअसल, कई मामलों में पुलिस के सामने तस्कर भाग निकलते हैं और पीछे से पुलिस वाले आवाज लगाते ही रह जाते हैं। एक मामला तो रविवार को महितपुर में ही हो गया, जहां एक महिला तस्कर भाग निकली और महिला सिपाही उसका पीछा करते हुई पुकारती रह गई।
हाल ही में आई एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी यही था कि 2019 में पंजाब पुलिस की पकड़ से 84 आरोपित फरार हो गए हैं। कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने भी तस्करों की फरारी पर टिप्पणी की कि अनफिट कर्मचारियों को ट्रेङ्क्षनग के लिए भेजो। इसके बावजूद अधिकारी फिटनेस को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे।
मुख्यमंत्री की 'वर्चुअल सिक्योरिटी'
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए भीड़भाड़ न हो, इसलिए इस बार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करोड़ों के प्रोजेक्टों का वर्चुअल उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में बैठे थे, लेकिन प्रचार का इंतजाम पूरा था। शहर में जगह-जगह एलईडी लगाई गई थी, अलग-अलग जगहों पर भीड़ जुटानी थी। खैर यहां लोग तो नहीं पहुंचे लेकिन जिस बात ने चौंकाया, वो थी इन जगहों पर पुलिस की सुरक्षा।
एलईडी लगते ही पुलिस कर्मचारी भी सुरक्षा में डंडे लेकर डट गए। बस स्टैंड के पास तो खाली कुर्सियां थीं लेकिन पुलिस चाक-चौबंद खड़ी थी। वहां खड़े पुलिस कर्मचारियों को पूछा कि यहां किस बात की सुरक्षा कर रहे हो तो बोले 'जनाब, असीं ता सीएम सिक्योरिटी ते लग्गे हां, लोकी आउण या ना आउण, असीं ता प्रोग्राम खतम होण तक एत्थे ही ड्यूटी देणी'। चंडीगढ़ से उद्घाटन कर रहे मुख्यमंत्री की यह वर्चुअल सिक्योरिटी खूब चर्चा में चल रही है।
एह कित्थों फड़ के लियांदा
चंद दिन पहले भाजपा ने यहां से पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले के विरोध में इंसाफ यात्रा निकालनी थी। यात्रा जालंधर से चंडीगढ़ मुख्यमंत्री आवास तक जानी थी। यह देख पुलिस ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था कर दी। यात्रा सूर्या एनक्लेव से शुरू होनी थी लेकिन पुलिस ने वहीं खत्म करवा दी। बात सरकार को खुश करने की भी थी तो पुलिस अधिकारियों ने पूरी तेजी दिखाई और भाजपा के पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश समेत सभी दिग्गज भाजपा नेताओं को हिरासत में लेकर बस में बैठाकर ले आई। सबको सर्किट हाउस ले जाना था।
यहां गेट पर ही तमाशा हो गया। जो पुलिस कर्मी इस बस को चला रहा था, वो उसे सर्किट हाउस के अंदर नहीं ले जा सका। पांच बार बस आगे-पीछे करनी पड़ी और तब अंदर गई। पास ही खड़े अफसर भी बोल पड़े एह कित्थों फड़ के लियांदा।