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दो साल बाद सी फार्म पर ओटीएस, जालंधर का व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं

पंजाब सरकार ने व्यापारियों से वीडियो कांफ्रेंस से एक दिन पहले दो साल से सी फार्म के मुद्दे पर चली आ रही वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) की मांग तो मान ली लेकिन व्यापारी वर्ग इससे ज्यादा खुश नजर नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 02:09 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 02:09 AM (IST)
दो साल बाद सी फार्म पर ओटीएस, जालंधर का व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं
दो साल बाद सी फार्म पर ओटीएस, जालंधर का व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं

मनुपाल शर्मा, जालंधर

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पंजाब सरकार ने व्यापारियों से वीडियो कांफ्रेंस से एक दिन पहले दो साल से सी फार्म के मुद्दे पर चली आ रही वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) की मांग तो मान ली लेकिन व्यापारी वर्ग इससे ज्यादा खुश नजर नहीं है। उनका कहना है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए टैक्स छूट का फायदा एक लाख से ज्यादा वाली डिमांड के डीलर्स को भी मिलना चाहिए। वित्तीय वर्ष 2013-14 से संबंधित असेसमेंट में 47,627 डीलर शामिल हैं। उनमें से 40 हजार से ज्यादा डीलर की डिमांड एक लाख ही है। इन डीलर्स को सरकार ने 90 फीसद टैक्स की छूट देते हुए मात्र 10 फीसद टैक्स बिना ब्याज व जुर्माना देने को कहा है।

व्यापार सेना पंजाब व खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति के कन्वीनर रविदर धीर ने कहा है कि एक लाख से लेकर लेकर 5 लाख तक की डिमांड वाले लगभग 4755 डीलर्स को मात्र ब्याज व जुर्माने से ही छूट दी गई है, लेकिन उन्हें टैक्स पूरा जमा कराना होगा। रविदर धीर ने कहा है कि ऐसे डीलर्स के लिए भी सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे डीलर्स को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। रविदर धीर ने कहा कि सरकार की तरफ से ओटीएस लाना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे निसंदेह कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि बाकी के बचे 5 वर्ष के लिए भी सरकार को ओटीएस लानी चाहिए।

जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की ओटीएस का फायदा व्यापारी वर्ग को नहीं होगा। अगर ओटीएस लाई गई थी तो यह सभी पर एक समान लागू होनी चाहिए थी। एक लाख से ज्यादा की डिमांड वाले डीलरों को टैक्स में कोई छूट न देकर पंजाब सरकार ने एक बार फिर से व्यापारी वर्ग के साथ मजाक किया है। गुरशरण सिंह ने कहा कि सी फार्म तो व्यापारी वर्ग को परेशान करने के लिए एक जरिया बनाया गया था। जब सारी प्रक्रिया ही आनलाइन होती है और सरकार को पता रहता है कि व्यापारियों ने अंतरराज्यीय व्यापार किया है तो फिर सी फार्म की शर्त तो बे-मायने हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग बीते लगभग दो वर्षों से इस ओटीएस का इंतजार कर रहा था, लेकिन इसमें भी सरकार ने व्यापारी वर्ग को 100 फीसद फायदा दिया ही नहीं है। पहले कोविड और अब किसान आंदोलन से नुकसान हुआ, सरकार हालात समझे

स्पो‌र्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सावी इंटरनेशनल के संचालक मुकुल वर्मा ने कहा कि अगर सरकार ओटीएस लाकर व्यापारी वर्ग को राहत देना चाहती थी तो फिर तमाम 47627 डीलरों को इसका फायदा मिलना चाहिए था। स्लैब बनाकर राहत में छूट देना तो असंतोष पैदा करेगा। कोविड-19 काल और उसके बाद अब किसान आंदोलन से व्यापारी वर्ग पूरी तरह प्रभावित हुआ है। उसको देखते हुए सरकार को ओटीएस के जरिए तमाम डीलर्स को एक समान राहत देनी चाहिए। मुकुल वर्मा ने कहा कि ऐसे आर्थिक संकट के माहौल में व्यापारी वर्ग को सरकार से राहत की बारी उम्मीद है और सरकार को यह राहत प्रदान करनी चाहिए।


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