CBSE की 12वीं कक्षा के गणित पेपर में बड़ा बदलाव, क्वालिटी निखारने पर बोर्ड का फोकस
सीबीएसई की तरफ से बच्चों को केवल थ्यूरी बेस्ड न करके उनकी क्वालिटी को निखारने के लिए गणित के पेपर में बदलाव किया है।
अंकित शर्मा, जालंधर। सीबीएसई की तरफ से बच्चों को केवल थ्यूरी बेस्ड न करके उनकी क्वालिटी को निखारने के लिए गणित के पेपर में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब 2019-20 सेशन में गणित का पेपर 100 का नहीं बल्कि 80 नंबरों का होगा, जबकि 20 अंकों की इंटरनल असेसमेंट होगी। इसके तहत पेपर में हुए बदलाव की वजह से अब एक-एक अंक के 20 प्रशन होंगे। परीक्षा का समय तीन घंटे ही रहेगा। पहले जहां 100 अंकों के पेपर में 29 प्रश्न थे और अब 80 अंकों का पेपर होने पर छात्रों को 36 प्रशन हल करने होंगे। इसी तरह से बोर्ड की तरफ से अंग्रेजी विषय के पेपर पैटर्न सहित लैंग्वेंज की परीक्षाओं में बदलाव किया है। सीबीएसई की तरफ स्कूल प्रिंसिपल्स को इस संबंध में आर्डर दे दिए हैं, जिनका सभी ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि अभी तक बच्चे ज्यादातर थ्यूरी में ही उलझे रहते थे। ऐसे में असेसमेंट होने से उन्हें राहत मिलेगी।
बोर्ड ने पेपर के अंक घटा प्रश्नों को बढ़ाया
सीबीएसई बोर्ड की तरफ से अभी तक गणित की परीक्षा में एक-एक अंक के 4, दो अंकों के 8, चार अंकों के 11 और छह अंकों के सवाल परीक्षाओं में डाले जाते थे। कुल मिलाकर तीन घंटे की परीक्षा में छात्रों को 100 अंकों में 29 प्रशन हल करने होते थे। नए बदलाव के तहत अब 2019-20 की परीक्षाओं में एक-एक अंक के 20, दो अंकों के छह, चार अंकों के छह, छह अंकों के चार सवाल डाले जाएंगे। 80 अंकों की परीक्षा में छात्रों को तीन घंटे में 36 सवाल हल करने होंगे।
पहली बार वैकल्पिक प्रशनों के चयन करना का मौका मिलेगा
इसी तरह बोर्ड की तरफ से अंग्रेजी कोर के पेपर में छात्रों को पहली बार ऑप्शनल व बहुवैकल्पिक (एमसीक्यू) प्रश्नों को लिखना होगा। हालांकि अभी तक पेपर के पार्ट-ए में रीडिंग कंप्रीहेशन और पार्ट-बी में राइटिंग स्किल्स 30-30 और पार्ट-सी में टेक्स्टबुक 40 अंकों के आते थे। इसमें 100 अंकों के हिसाब से 35 प्रश्न थे. नए बदलाव के तहत पार्ट ए- 20, पार्ट-बी और पार्ट-सी 30-30 अंकों के हिसाब से बांट दिया गया है। जिस हिसाब से 33 प्रश्न 80 अंकों के होंगे।
बोर्ड की तरफ से यह अच्छा फैसला लिया गया है। 80 अंकों का पेपर होने से बच्चों में कुछ हद तक राहत मिलेगी और असेसमेंट के तहत अंक मिलने पर उनकी स्किल्स भी डिवेलमेंट होगी। क्योंकि थ्यूरी के साथ-साथ बच्चों की स्किल्स डिवेलमेंट भी बेहद जरूरी है।
-विनोद कुमार, प्रिंसिपल दयानंद माडल स्कूल माडल टाउन।
आज का दौर ही बच्चों को थ्यूरी बेस्ड नहीं एक्टीविटी बेस्ड व प्रेक्टिकली बनाने का। बोर्ड की तरफ से यह बदलाव बच्चों की बेहतरी के लिए लिया गया है। ऐसे में बच्चों की असेसमेंट मिलने की भी राहत होगी और उनमें रट्टा लगाने की आदर छूटेगी।
- डिंपल शर्मा, प्रिंसिपल एकलव्या स्कूल।