मां-बाप की सेवा तीर्थ के समान : पंडित दीन दयाल
राष्ट्रीय संत पंडित दीन दयाल शास्त्री महाराज ने कहा कि माता-पिता की सेवा करने वालों इंसान को तीर्थयात्रा या फिर किसी धाम पर जाने की जरूरत नहीं है। अगर घर में बुजुर्ग बीमार है तो तीर्थ यात्रा पर जाने का कोई लाभ नहीं मिलता।
जागरण संवाददाता, जालंधर : राष्ट्रीय संत पंडित दीन दयाल शास्त्री महाराज ने कहा कि माता-पिता की सेवा करने वालों इंसान को तीर्थयात्रा या फिर किसी धाम पर जाने की जरूरत नहीं है। अगर घर में बुजुर्ग बीमार है तो तीर्थ यात्रा पर जाने का कोई लाभ नहीं मिलता।
प्राचीन शिव मंदिर, हरगो¨बद नगर धोगड़ी रोड में जारी श्रीमद्भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को उन्होंने बुजुर्गो की सेवा को प्रेरित किया। कथा का आगाज उन्होंने गुरु वंदना के साथ किया। उन्होंने कहा कि हर धर्मिक ग्रंथ तथा शास्त्र माता-पिता की सेवा को प्रेरित करते हैं। धरती पर माता-पिता ही भगवान समान होते हैं। इसके उपरांत उन्होंने 'मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है' तथा 'मेरे मन में बसे है राम, मेरे तन में बसे है राम' सहित कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए। कमेटी की तरफ से विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लंगर भी लगाया गया। इस अवसर पर मधु शर्मा, संतोष रानी शर्मा, पंडित निरंजन पांडे, पंडित कमलेश्वर, स्वामी शांतानंद, अर्जुन तिवारी, प्रेम मिश्रा, सूरज, गोपी, अंश, धीरज व अन्य मौजूद थे।