रोड स्वीपिग मशीन के इस्तेमाल से पहले सड़कों पर हो पानी का छिड़काव
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नगर निगम को आदेश दिया है कि शहर में रोड स्वीपिंग मशीन के इस्तेमाल से पहले सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए।
जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नगर निगम को आदेश दिया है कि शहर में जहां भी रोड स्वीपिग मशीन इस्तेमाल की जाएगी, वहां पर मशीन चलाने से पहले पानी का छिड़काव करना अनिवार्य होगा। एनजीटी की मीटिग में मानिटरिग कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस जसबीर सिंह व मेंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पहली रिपोर्ट में पंजाब में शहरों और गांवों में सालिड वेस्ट, सफाई, सीवरेज के पानी व गार का मसला प्रमुखता से उठाया है। सड़कों की सफाई पर भी खास तौर पर फोकस किया गया है।
एनजीटी की मानिटरिग कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि जहां-जहां रोड स्वीपिग मशीन से सफाई होती है, वहां पर धूल काफी ज्यादा उड़ती है। इससे वायु प्रदूषण होता है। एनजीटी इसकी लगातार मानिटरिग कर रह रही है। इसलिए जहां कहीं भी रोड स्वीपिग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है, वहां पर सफाई से पहले पानी का छिड़काव किया जाए, क्योंकि वायु प्रदूषण से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। नगर निगम जालंधर के पास दो रोड स्वीपिग मशीनें है और दोनों में पानी के छिड़काव की व्यवस्था है, लेकिन इसका अब तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। शहर में 50 किलोमीटर मेन रोड पर चलता है मशीनी झाड़ू
शहर में करीब 50 किलोमीटर सड़कों पर रोड स्वीपिग मशीन काम करती है। यह सभी सड़कें सेंट्रल वर्ज वाली हैं और शहर की मेन रोड हैं। यहां पर दिन भर काफी ट्रैफिक रहता है। रोड स्वीपिग मशीन की स्पीड और ब्रश से सफाई के दौरान सड़कों से धूल उड़ती है, इसलिए एनजीटी को यह आदेश जारी करने पड़े हैं। इस पर पहले भी निर्देश दिया गया था, लेकिन पालन न होने पर दोबारा सख्त आर्डर दिए हैं। ट्रीटमेंट प्लांट का पानी इस्तेमाल करेंगे
सफाई से पहले पानी का छिड़काव करने की हिदायत के साथ ही एनजीटी ने यह निर्देश दिया है कि इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया गया पानी ही इस्तेमाल किया जाए। भूजल तभी इस्तेमाल होगा, जहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होगा। शहर में 235 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। ऐसे में भूजल के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनजीटी ने यह आदेश भी दिया है कि हर जिले के इनवायरमेंट प्लान में इसकी डिटेल दी जाए। सीवरेज का साफ किया पानी बड़ी मात्रा में उपलब्ध है और यही पानी निर्माण कार्यो में भी इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा। रोड स्वीपिग मशीनों के साथ वाटर टैंकर इस्तेमाल होगा : ज्वाइंट कमिश्नर
ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह ने निगम की हेल्थ ब्रांच को निर्देश दे दिया है कि रोड स्वीपिग मशीन के साथ जुड़े वाटर टैंक का इस्तेमाल शुरू किया जाए। इसके लिए किसी भी पास के ट्रीटमेंट प्लांट से ही पानी लिया जाएगा।