बाइक पर ले जा रहा था लाखों की प्रतिबंधित दवाएं, एसटीएफ ने दबोचा
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गांव सरनाणा अड्डे पर लाखों की प्रतिबंधित दवाएं लुधियाना, हैबोवाल निवासी नीरज कुमार उर्फ द¨वदर कुमार को गिरफ्तार किया है।
संवाद सहयोगी, जालंधर : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गांव सरनाणा अड्डे पर लाखों की प्रतिबंधित दवाएं मोटरसाइकिल पर लेकर जा रहे लुधियाना, हैबोवाल निवासी नीरज कुमार उर्फ द¨वदर कुमार को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 1 लाख 67 हजार नशीली गोलियां, 4400 कैप्सूल, 75 टीके मिले हैं।
एसटीएफ एआइजी मुख¨वदर ¨सह भुल्लर ने बताया कि वीरवार को लुधियाना में एसटीएफ ने पटेल नगर, हैबोवाल, लुधियाना निवासी म¨नदरवीर ¨सह उर्फ राजा को दो करोड़ 13 लाख, 89 हजार 937 रुपये कीमत की प्रतिबंधित दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में नीरज के बारे में पता चला। नीरज ने भी पूछताछ में बताया कि वह म¨नदरवीर से ही दवाएं लेकर आता था। जालंधर, बिलगा, तल्हण, आदमपुर सहित कई जगहों पर वह इनकी सप्लाई करता था। उन्होंने बताया कि नीरज से मिली प्रतिबंधित दवाओं की कीमत बाजार में करीब 22 से 23 लाख रुपये है। उसके खिलाफ थाना पतारा में मामला दर्ज कर लिया गया है। नीरज को रिमांड पर लेकर उन लोगों के बारे में पता लगाया जाएगा जो उससे सप्लाई लेते थे। उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।
---- यूपी में है प्रतिबंधित दवाओं की फैक्ट्री, कई मामलों के जुड़े तार
एसटीएफ ने लुधियाना सहित जालंधर में प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी है। कमिश्नरेट पुलिस ने भी बीते कुछ दिनों में लाखों रुपये की नशीली दवाएं जब्त कर कई लोगों को हिरासत में लिया है। एसटीएफ की तरफ से पकड़ी गई दवाएं यूपी से लाई गई हैं और कमिश्नरेट पुलिस की कार्रवाई के बाद भी यह खुलासा हुआ था। जांच में सामने आया है कि यूपी में प्रतिबंधित दवाएं बनाने की बड़ी फैक्ट्री है। बीते दिन नशीली दवाओं के साथ पकड़े विदेशी नागरिकों से भी जो दवाएं मिली थी वो भी यूपी से आई थी। वहां से दवाओं में मिलावट की जाती है जिससे इसका सेवन करने वालों में से कई की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब कमिश्नरेट पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ भी यूपी में स्थित फैक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है।
---- बाइक पर बनाया था ऐसा स्टैंड, जिस पर टिक जाती थी पूरी बोरी
बारहवीं पास नीरज ने अपने बाइक पर ऐसा स्टैंड बना रखा था जैसे दूध सप्लाई करने वाले दोधी बनाते हैं। दोनों तरफ से स्टैंड को ऐसे लगाया गया था जिससे उस पर बड़ी बोरी भी आराम से आ जाती थी। ऐसे में बड़ी सप्लाई को कार या किसी अन्य वाहन में किसी मुख्य मार्ग से ले जाने की बजाए मोटरसाइकिल से कच्चे रास्तों से पुलिस से बचकर ले जाने में आसानी रहती थी। पुलिस ने नीरज के बाइक को भी कब्जे में ले लिया है। लुधियाना की एक फर्म सील, बाकी जांच के घेरे में
एआइजी मुख¨वदर ¨सह ने बताया कि लुधियाना में दवाओं की एक फर्म को भी सील किया गया है। म¨नदरवीर के चार का¨रदे थे जो प्रतिबंधित दवाएं सप्लाई करते थे, जिनमें से एक नीरज को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकियों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिस फर्म को सील किया गया है वो भी म¨नदरवीर की ही बताई जा रही है। लुधियाना और जालंधर की कई फर्मो को घेरे में लाया गया है और जल्द ही उनकी भी जांच की जाएगी। बिल्टी बनवा मंगवाते थे दवाएं, बिना बिल की दवाएं भी लाते थे
प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करने वाले बिल्टी बनाकर दवाएं मंगवाते थे। यदि बिल पर 4 डिब्बे बिल्टी में आते थे तो एक डिब्बा बिना बिल का होता था जिसे अलग से सप्लाई किया जाता था। इसमें सप्लाई लेने और देने वालों के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट वाले भी बराबर के दोषी हैं। एआइजी भुल्लर ने बताया कि एजेंसियों को सिर्फ बिल्टी में बिल वाले सामान का पता होता था जिसके चलके एक ट्रांसपोर्टर कैलाश नाथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उसके एक का¨रदे सु¨रदर को काबू किया गया है। बाकी जिन ट्रांसपोर्टर के नाम और आए हैं, उनकी तलाश भी जारी है। उन्होंने बताया कि रेलवे के जरिए भी बिना बिल के सामान मंगवाया जाता था। कोई भी किसी का भी आई कार्ड ले जाकर सामान ले आता था। इसके चलते रेलवे के जरिए सामान लाने वालों को भी जांच के घेरे में लाया जा रहा है। इस काम के आती थी पकड़ी गई दवाएं
1. कोलविडोल (50 हजार गोलियां) : कैंसर, पत्थरी का दर्द रोकने के लिए
2. एल्पराजोल्म (1,15,200 गोलियां) : ¨चता और पैनिक विकार का इलाज
3. फोर्टाडोल (1800 गोलियां) : कैंसर, पत्थरी का दर्द रोकने के लिए
4. पैरवोरिन (4400 कैप्सूल) : कैंसर, पत्थरी का दर्द रोकने के लिए
5,. बुपरेनोरफाइन इंजेक्शन (75 टीके) : ऑप्रेशन का दर्द रोकने के लिए