लाखों की प्रतिबंधित दवाओं के साथ यूनिका फार्मा का मालिक गिरफ्तार
संस, जालंधर : दिलकुशां मार्केट से नशे की बड़ी खेप पकड़ने के बाद शनिवार को पुलिस ने फगवाड़ा गेट स्थित हुक्म चंद मार्केट में रेड कर प्रतिबंधति दवाइयां बरामद कीं।
संस, जालंधर : दिलकुशां मार्केट से नशे की बड़ी खेप पकड़ने के बाद शनिवार को पुलिस ने फगवाड़ा गेट स्थित हुक्म चंद मार्केट से लाखों की प्रतिबंधित दवाएं बरामद की हैं। पुलिस ने दो दिन पहले नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किए गए तरुण कालिया और नवरत्न कालिया की निशानदेही पर शनिवार करीब पौने बारह बजे हुक्म चंद मार्केट में स्थित यूनिक फार्मा दुकान में छापेमारी की। वहां से प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी खेप मिलने के बाद मालिक महाराजा गार्डन निवासी पुनीत कपाही को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने पुनीत कपाही के मोनिका टावर की बेसमेंट में स्थित गोदाम में भी छापेमारी की और वहां से भी बड़ी संख्या में प्रतिबंधित दवाएं मिलीं।
पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि वीरवार को थाना बस्ती बावा खेल की पुलिस ने प्रतिबंधित दवाओं के साथ नवरत्न कालिया और तरुण कालिया को गिरफ्तार किया था। दोनों की निशानेदी पर दिलकुशां मार्केट में मित्तू मेडिकल स्टोर में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में सामान बरामद किया था। शनिवार को भी उनकी निशानदेही पर ही कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि 107011 गोलियां, 1500 टीके, 29000 कैप्सूल और 109 शीशियां बिना लेबल के बरामद की गई हैं। मार्केट में इनकी कीमत करीब चार लाख पचास हजार रुपये है। उन्होंने बताया कि पुनीत को रिमांड पर लेकर पता लगाया जाएगा कि वो इतनी बड़ी खेप कहां से लाता था और किसको देता था। शहर में लगातार आ रही हैं प्रतिबंधित दवाएं
तीन दिन के भीतर ही पुलिस ने दिलकुशां मार्केट और हुक्म चंद मार्केट में छापेमारी कर प्रतिबंधित दवाएं बरामद की गई। इससे पहले भी पुलिस कई बार छापेमारी कर ऐसी दवाएं बरामद कर चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि शहर में लगातार प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई आ रही है और पुलिस छोटे मोटे सप्लायर को पकड़ कर खुश है। मुख्य सप्लायर के बारे में पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है। कुछ समय पहले दिलकुशां मार्केट में बड़ी छापेमारी के बाद लाखों की प्रतिबंधित दवाएं मिली थी जिसे मेडिकल टीम की देखरेख में सिविल अस्पताल में रखा गया था। वहां से सारी दवाएं चोरी हो गई थी जिसके तीन बाद पुलिस को शिकायत दी गई थी। इस मामले में भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा का कहना था पुलिस अपना काम बाखूबी कर रही है। पकड़े गए स्टोर मालिकों के जरिए अभ बड़े सप्लायर तक पहुंच कर सारा नेटवर्क ब्रेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चोरी हुई दवाओं के मामले की जांच भी जारी है। नशे के खिलाफ छोटे पड़े विभाग के हाथ
करीब 25 लाख की आबादी वाले जिला जालंधर में करीब तीन हजार दवा विक्रेताओं पर निगरानी के लिए सेहत विभाग बौना साबित हो रहा है। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के तहत नशे के खिलाफ जारी मुहिम में सेहत विभाग के हाथ छोटे पड़ रहे हैं। दवा विक्रेताओं पर निगरानी रखने व उनकी जांच के लिए चार ड्रग इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं। हर इंस्पेक्टर की ड्यूटी रोज 20 दुकानों की चे¨कग करने और नए पुराने लाइसेंस जारी करने तथा अदालतों में पुराने केसों की पैरवी करने की होती है। ऐसे में तीन हजार दुकानों की चे¨कग करना चार लोगों के लिए नाकाफी है जिसका फायदा प्रतिबंधित दवाएं बेच कर दुकानदार उठा रहे हैं। लाइसेंस नहीं तो होगा एनडीपीएस का केस दर्ज
प्रतिबंधित दवाओं को केवल वही व्यक्ति बेच सकता है जिसके पास लाइसेंस है। सीपी प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि बिना लाइसेंस के प्रतिबंधित दवाओं को बेचने वालों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। अभी तक पकड़े गए लोगों पर इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले पकड़े गए तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। इस टीम ने की कार्रवाई
डीसीपी रा¨जदर ¨सह और डीसीपी गुरमीत ¨सह की अगुवाई में एडीसीपी सुडरविली, एसीपी सर्बजीत राये, एसीपी दलबीर ¨सह बुट्टर की टीम थी। इस टीम में थाना 4, 3 और बावा खेल की पुलिस शामिल थी। सीपी प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि नशीली दवाओं के धंधे और इसे करने वाले लोगों को पकड़ने में थाना बस्ती बावा खेल के कांस्टेबल गुरप्रीत ¨सह ने अहम भूमिका निभाई। सिन्हा ने बताया कि गुरप्रीत को सम्मानिक किया जाएगा।