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बलदेव सिंह का कटा था पार्षद का टिकट, कांग्रेस का शहरी प्रधान बनने पर सब हैरान

शहरी कांग्रेस का प्रधान बलदेव सिंह देव को बनाए जाने के बाद सभी हैरान है। बलदेव ने विधायक रिंकू का जमकर विरोध किया था।

By Edited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 05:50 PM (IST)
बलदेव सिंह का कटा था पार्षद का टिकट, कांग्रेस का शहरी प्रधान बनने पर सब हैरान

जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। वीरवार को भी शहर में भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस की सियासत भी गरम रही। शहरी कांग्रेस का प्रधान बलदेव सिंह देव को बनाए जाने के बाद कांग्रेस भवन में पहुंचने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका स्वागत किया गया। बलदेव को प्रधान बनाए जाने के पार्टी के फैसले से सभी हैरान हैं। बीते नगर निगम चुनाव में बलदेव का पार्षद का टिकट भी कट गया था। हालांकि उससे पहले वह वेस्ट हलके वार्ड से पार्षद थे। पार्टी ने कांग्रेस सुखविंदर सिंह सुक्खा लाली को देहाती कांग्रेस का प्रधान बनाया है। लाली आदमपुर से विधायक रहे कंवलजीत सिंह लाली के भाई हैं।

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सोमवार से भाजपा में किशन लाल शर्मा की रिएंट्री को लेकर भाजपा का विवाद अभी ठंडा नहीं पड़ा है तो दूसरी तरफ वीरवार को कांग्रेस के नए प्रधान की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में विवाद बढ़ने के आसार पैदा हो गए हैं। वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू के इशारे पर बलदेव सिंह देव का निगम चुनाव में टिकट कटा था, उनका टिकट काटकर पार्टी ने लखबीर बाजवा को टिकट दी थी। अब रिंकू की जानकारी व मर्जी के बिना ही पार्टी ने बलदेव को शहरी कांग्रेस की कमान सौंप दी है। इसके बाद बलदेव ने रिंकू के खिलाफ कांग्रेस का दामन छोड़कर आजाद चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर सुरिंदर महे का खुलकर प्रचार किया था। पर्दे के पीछे सारे समीकरण फिट करने में सांसद संतोख सिंह चौधरी व तेजिंदर सिंह बिट्टू की भूमिका भी अहम है।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि चौधरी ने रिंकू के हलके से प्रधान बनवाकर आने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं को तलाशा है। लोकसभा चुनाव की राजनीति में उलझे चौधरी व रिंकू जालंधर से लोकसभा चुनाव को लेकर मौजूदा सांसद चौधरी संतोख सिंह के साथ-साथ विधायक सुशील रिंकू भी दावेदार हो सकते हैं। रिंकू समर्थकों ने लोकसभा चुनाव को लेकर अंदरखाते बीते छह माह से तैयारियां भी शुरू कर रखी हैं। यही वजह है कि चौधरी ने मौके पर चौका मारकर रिंकू को चुनाव में उम्मीदवारों की लड़ाई से पहले ही उन्हें अपने हलके की लड़ाई में उलझाने की कवायद की है।

रिंकू व बलदेव में निगम चुनाव के दौरान ही बलदेव का टिकट कटने के बाद से बैर चल रहा है। विधायक बनने के बाद शहर में सबसे ज्यादा टीआरपी रिंकू की बढ़ी थी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सत्ता में आते ही रिंकू की टीआरपी बाकी कांग्रेसी विधायकों की तुलना में सबसे ज्यादा बढ़ी थी। लोगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार व सरकारी अधिकारियों तथा कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की खुलकर खिलाफत कर रिंकू ने तेज तर्रार विधायक की छवि बनाने में कामयाबी हासिल की है। यही वजह है कि पार्टी में अंदरखाते कांग्रेस के कुछ दिग्गज रिंकू को सियासी खेल में उलझाने की कवायद में लगे हैं। उसी का नतीजा बलदेव सिंह देव की ताजपोशी भी हैं।

सिद्धू ने भी निभाई अहम भूमिका

बलदेव को शहरी कांग्रेस का प्रधान बनाने के पीछे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की भी भूमिका भी रही है। सिद्धू के साथ भी रिंकू का 36 का आंकड़ा रहा है। रिंकू ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कारवाई को लेकर सिद्धू का खुलकर विरोध किया था।

दिग्गजों के साथ प्लेन से जालंधर पहुंचे बलदेव

बलदेव वीरवार को सांसद चौधरी, बिक्रम चौधरी व तेजिंदर बिट्टू के साथ हवाई यात्रा कर दिल्ली से एक साथ जालंधर पहुंचे। दिल्ली दरबार में बलदेव की पैरवी करने वालों में सांसद चौधरी के अलावा दोनों नेताओं की बड़ी भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

अहलूवालिया को मिल सकती है चेयरमैनी

शहरी कांग्रेस के प्रधान दलजीत सिंह अहलूवालिया का नाम जल्द ही विभिन्न निगमों व बोर्डों व ट्रस्ट के बनने वाले चेयरमैनों की लिस्ट मे भी शामिल है। नतीजतन उम्मीद की जा रही है कि शहरी कांग्रेस के प्रधान पद से हटने के बाद उन्हें पार्टी जल्द ही नई जिम्मेवारी सौंप देगी।

सभी को साथ लेकर चलेंगे: देव

बलदेव सिंह ने कहा है कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी है, उस पर वह खरा उतरेंगे। उनकी पहली कोशिश होगी कि सभी को एकसाथ लेकर चलें। रिंकू के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही पार्टी के साथ रहे हैं। लाली ने कहा है कि देहात कांग्रेस की सियासत शहरी सियासत से अलग है। लोकसभा चुनाव में वह देहात के इलाकों से कांग्रेस का परचम लहराने के लिए दिन-रात एक कर देंगे।


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