मन के विकारों को धर्म की राह पर चलकर किया जा सकता है दूर :पंडित सुरेश
आर्य समाज मंदिर माडल टाउन में रविवार को हवन व सत्संग का आयोजन हुआ। आचार्य सुरेश कुमार शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ संपन्न करवाया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : आर्य समाज मंदिर माडल टाउन में रविवार को हवन व सत्संग का आयोजन हुआ। आचार्य सुरेश कुमार शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ संपन्न करवाया। पंडित सत्य प्रकाश शास्त्री व पंडित बुद्धदेव वेदालंकार ने भी मंत्रोच्चारण किया। इस मौके पर प्रमिला अरोड़ा मुख्य यजमान के रूप में शामिल हुए। इसके उपरांत मलेरकोटला से सुनीता माघोजी ने प्रेरणादायक भजन 'ओ वेदा वाले ऋषि दयानंद जुबां पर जब तेरा नाम आया' पर प्रस्तुति दी।
पंडित सुरेंद्र आर्य 'तन को मलमल निर्मल मन निर्मल ना बनाया क्या मथुरा क्या तीर्थ काशी क्या गंगा नहाया रे' तथा 'मानव की बस एक ही इच्छा सब दुखों से छुटकारा हो संभव है' सहित कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए। पंडित सुरेश शास्त्री ने कहा कि मन के अंदर विकारों को धर्म की राह पर चलकर दूर किया जा सकता है। जल से शरीर का बाहरी हिस्सा शुद्ध होता तो मन सत्य से शुद्ध होता है। मन को नियंत्रण में रखने के लिए वेद मंत्रों का उच्चारण किया जाना चाहिए। प्रधान अरविद घई ने मंदिर कमेटी द्वारा आर्य समाज के प्रचार व प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यो के बारे में बताया। जोगिदर भंडारी ने समारोह का संचालन किया। इस मौके पर रितेश कुंद्रा, अजय राणा, मोहन चावला, रमेश चंद्र चोपड़ा, कुलभूषण धीर, प्रियव्रत शास्त्री, आनंद प्रकाश चावला, इंद्रपाल सेठी, भीम सिंह पांचाल, उमा तनेजा, राजेश सेठी, संगीता सूरी, पूनम सेठी, प्रियंका आर्य, शशि मेहता, सुदेश भंडारी, सुमित दमयंती सेठी, रजनी सेठी सहित सदस्य मौजूद थे।