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पंजाब में शांति के लिए खुल्लर परिवार ने दी थी तीन शहीदियां

आतंक विरोधी दिवस पर कांग्रेस भवन में आज प्रोग्राम करवाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 01:43 AM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 06:05 AM (IST)
पंजाब में शांति के लिए खुल्लर परिवार ने दी थी तीन शहीदियां
पंजाब में शांति के लिए खुल्लर परिवार ने दी थी तीन शहीदियां

जागरण संवाददाता, जालंधर : देश भर में 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का शहीदी दिवस आतंक विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान देश में अमन शांति कायम करने के लिए जिन लोगों ने अपनी शहादत दी उन्हें याद भी किया जाता है। जालंधर में भी कई परिवार ऐसे हैं जिनके सदस्यों ने आतंकवाद के दौरान शांति कायम करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इनमें शहर के खुल्लर, केपी, सैनी समेत कई परिवारों के सदस्यों के अलावा पुलिस अधिकारी और मुलाजिम भी शामिल हैं।

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जालंधर के खुल्लर परिवार ने इस आंदोलन में एक-एक कर तीन सदस्यों रविद्र खुल्लर, देव दत्त खुल्लर, बीके खुल्लर को खो दिया। इसके बावजूद आज भी यह परिवार समाज सेवा में अग्रसर है।

एक आतंकी हमले को खुद भी झेलने वाले विजय खुल्लर कहते हैं कि शांति मार्ग पर जिस सोच के साथ खुल्लर परिवार काम कर रहा था वह आखिरकार सफल हुआ और पंजाब में शांति हुई है। सौरभ खुल्लर कहते है कि ऐसे परिवार में जन्म लेना ही सौभाग्य है।

विजय खुल्लर बताते हैं कि सबसे पहले उनके भतीजे रविद्र खुल्लर को दो जून आतंकवादियों ने शहीद कर दिया। इसके बाद 20 अगस्त 1985 को तब के विधायक गुरदयाल सैनी और उनके बड़े भाई सीनियर कांग्रेस नेता एवं पार्षद देव दत्त खुल्लर को निशाना बनाया गया। इस हमले में विजय खुल्लर बाल-बाल बच गए लेकिन उनके बड़े भाई देवदत्त खुल्लर मौके पर शहीद हो गए। विधायक गुरदयाल सैनी को भी गोलियां लगीं और इलाज के दौरान 17 सितंबर 1985 में उन्होंने दम तोड़ दिया। विधायक गुरदयाल सैनी खुल्लर परिवार के समधी थे। इस हमले के बाद उनके दूसरे बड़े भाई बीके खुल्लर को 24 सितंबर 1990 में मॉडल टाउन में शहीद कर दिया गया।

जिला प्रधान रहे विजय खुल्लर बताते हैं कुछ हमलावर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए तो कुछ जेल में रहने के बाद रिहा हो गए। उनके परिवार ने पहले तो पुलिस सुरक्षा लौटा दी थी लेकिन जेल से छूटे आरोपितों के बाद परिवार की सुरक्षा के लिए उन्होंने पुलिस कमिश्नर रहे पीके सिन्हा को पत्र दिया था। इस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।

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जमीन से जुड़े नेता थे दर्शन सिंह केपी

कांग्रेस के पांच बार के विधायक दर्शन सिंह केपी जमीन से जुड़े जुझारू नेता थे। उन्हें आतंकियों ने 1992 में गोली मार कर शहीद कर दिया था। वह लोगों की आवाज उठाने वाले नेता के रूप में पहचान रखते थे। उनके बेटे महिदर सिंह केपी पंजाब सरकार में मंत्री रहे। सांसद बने और इस समय टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन हैं।

आतंक विरोधी दिवस पर कांग्रेस भवन में आज होगा प्रोग्राम

जिला कांग्रेस भवन में 21 मई को सुबह 11 बजे प्रोग्राम को आयोजन किया गया है। हालांकि हर बार इस दिन बड़ा प्रोग्राम होता है लेकिन कोरोना वायरस के कारण ज्यादा भीड़ जुटाने पर रोक है इसलिए ज्यादा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस भवन में आने की बजाए घरों में ही रह कर हिसा के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लेने के लिए कहा गया है।


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