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मिस अर्थ इंडिया के फाइनल में पहुंची पटियाला की अंकिता गोयल, किसानों के साथ मिलकर कर रही ये काम, जानें

मिस अर्थ-2021 की फाइनल में जगह बनाने वाली अंकिता ने मिशन कुदरत नाम से प्रोजेक्ट शुरु किया हुआ है। जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के हितों को ध्यान में रखते हुए जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना है। अंकिता पटियाला के फातिमा स्कूल में हेड गर्ल भी रही है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 11:48 AM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 11:48 AM (IST)
मिस अर्थ इंडिया के फाइनल में पहुंची पटियाला की अंकिता गोयल, किसानों के साथ मिलकर कर रही ये काम, जानें
मिस अर्थ इंडिया के फाइनल में पहुंचने वाली पटियाला की अंकिता गोयल।

जेएनएन, पटियाला। पटियाला की अंकिया गोयल मिस अर्थ प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंच गई है। अंकिता की उपलब्धियों की बात करें तो वे राष्ट्रीय स्तर की कत्थक नृत्यांगना है व उन्होंने देशभर में कई वाद विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर अपने जिला का नाम रोशन किया है। वर्तमान में वे मुंबई में रहकर पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही हैं। मिस अर्थ-2021 की फाइनल में जगह बनाने वाली अंकिता ने मिशन कुदरत नाम से प्रोजेक्ट शुरु किया हुआ है। जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के हितों को ध्यान में रखते हुए जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना है। अंकिता पटियाला के फातिमा स्कूल में हेड गर्ल भी रही है। अंकिता ने वाइपीएस स्कूल में 11वीं व 12वीं की पढ़ाई की है। इसी स्कूल में अंकिता ने बेस्ट डिबेटर व बेस्ट डांसर का खिताब भी जीता है। साथ ही अंकिता किसान विरासत मिशन के साथ एक स्वंयसेवक के रुप में भी जुड़ी हुई है।

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बच्चों से बातचीत करती हुई अंकिता गोयल।

इस मिशन के अधीन वे किसानों को पराली के उचित प्रबंधन व पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसानों से अवगत कराती है। पंजाब के जिला फरीदकोट के जैतों में स्थित किसान विरासत मिशन संस्था 90के दशक में अस्तित्व में आई थी। जिसने 2005 से एक चैरिटेबल संस्था के रुप में कार्य करना शुरू किया। अपने उत्थान के बाद से ही यह संस्था किसानों के साथ मिलकर देशभर में प्राकृतिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में हरित क्रांति के बाद कृषि तकनीकों में अपनाए जा रहे उन क्रांतिकारी तकनीकों में बदलाव लाना है। जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा फसलों की पैदावार के लिए अजैविक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। जिसके कारण बड़े स्तर पर पर्यावरण का ह्रास हो रहा है।

संस्था का उद्देश्य जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ जागरूकता अभियान पर निर्भर रहना नहीं है। बल्कि ये किसानों के साथ एक परिवार के तौर पर कार्य करके अपने उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हुए है। अंकिता ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई स्कूलों में भी प्रोग्राम का आयोजन किया है। जिनमें आर्य कन्या सीसे स्कल व एसडीएससी स्कूल जैसे स्कूल शामिल रहे हैं। फूकूओका सिद्धांत में विश्वास करने वाली अंकिता मानती है कि मानवों का मुख्य मकसद फसल उगाना नहीं बल्कि साधनों की पूणर्ता है।


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