जलियांवाला बाग में पहुंचे शहीदों के परिवार, लोग बोले- लगता है अमृतसर पुलिस ने जनरल डायर को पकड़ लिया
बैसाखी पास आते ही यह जगह याद आ जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ पर हालात अलग थे। पहले 13 अप्रैल को इसे खोलने की घोषणा हुई पर अभी कोविड गाइडलाइन की वजह से इसे खोला नहीं जा सकता।
अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को नरसंहार हुआ था। बैसाखी पास आते ही यह जगह याद आ जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, पर हालात अलग थे। कोविड-19 और रेनोवेशन की वजह से बाग पिछले एक साल से बंद पड़ा है। पहले 13 अप्रैल को इसे खोलने की घोषणा हुई, पर अगले ही दिन कह दिया गया कि अभी कोविड गाइडलाइन की वजह से इसे खोला नहीं जा सकता। इससे शहीदों के परिवार खासे खिन्न थे। आखिर उन्होंने भी घोषणा कर दी कि वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने वहां जाएंगे। यह देखकर पुलिस ने भी वहां पर कड़ा पहरा लगा दिया। परिवारों को तो श्रद्धांजलि के लिए अंदर जाने नहीं दिया गया, पर भारी पुलिस फोर्स देखकर वहां आने वाले यह कहते सुने गए कि तब शायद जनरल डायर को पुलिस पकड़ नहीं पाई, पर अब जितनी फोर्स लगाई गई है, लगता है डायर पकड़ा गया है।
मैडम, अपनी पार्टी तो बता दो
पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी पूर्व सीपीएस डा. नवजोत कौर का विवादों से गहरा नाता है। हमेशा कुछ न कुछ बोलकर दोनों सुर्खियों में बने रहते हैं। अब मैडम ने नया सियासी शगूफा छोड़ा है। पिछले समय में उन्हें पंजाब जाट महासभा के महिला विंग की पंजाब प्रधान बनाया गया था। अब मैडम ने घोषणा की है कि महासभा प्रदेश की सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पहले भाजपा, फिर कांग्रेस की सीटों पर चुनाव लड़े दंपती को लेकर लोग पशोपेश में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि दोनों किस पार्टी में हैैं और महासभा किस पार्टी के समर्थन में है। सियासी गलियारों में इसकी चर्चा छिड़ी हुई है। सिद्धू की कांग्रेस में दाल गल नहीं रही और मैडम ने यह घोषणा करके सियासी पारा चढ़ा दिया है। हालांकि लोग दोनों की पार्टी को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि वे अब किसकी पैरवी करेंगे।
सरकार अपनी है, डर कैसा
नगर निगम के लिए कभी एमटीपी विभाग तो कभी लैंड विभाग फजीहत का सबब बनता रहा है। अब नए घटनाक्रम में गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के सामने बनी यूटी मार्केट चर्चा में है। वैसे तो कमिश्नर ने कहा था कि वहां लगी 17 रेहडिय़ों को ही दुकानों के सामने से हटाकर सामने शिफ्ट किया गया है, पर पहले 44 और अब 50 का आंकड़ा पार कर गई रेहडिय़ों को लेकर एक नेता को पीए सरेआम कह रहा है कि यह निगम ने अलाट की हैं। हालांकि अफसर आधिकारिक तौर पर कह रहे हैं कि रेहडिय़ों की कोई अलाटमेंट नहीं हुई, मगर इन पर कार्रवाई न करने से रेहड़ी लगवाने वाले जरूर कहते फिर रहे हैं कि सरकार अपनी है, डरने वाली कोई बात नहीं। कोई हटाने आएगा तो हम खुद देख लेंगे। एक दो बार ऐसा हो भी चुका है कि निगम का अमला तो गया, पर खाली हाथ ही लौटा।
एक मयान में दो तलवारें कितने दिन रहेंगी
नगर निगम का एमटीपी विभाग... नाम आते ही अवैध निर्माण, शिकायतों का अंबार, अधिकारियों की मनमार्नियां... एक नजर में ही सामने आने लगती हैं। पर जो भी हो, विभाग का आलम नगर निगम में अलग ही है। पिछले समय में अवैध निर्माण को लेकर एमटीपी आइपीएस रंधावा चार्जशीट हुए। बहुतों ने शुक्र करते हुए कहा कि लगता है अब निकाय विभाग अवैध निर्माणों पर नकेल कसने की तैयारी में है, पर दोबारा रंधावा न सिर्फ बहाल हो गए, बल्कि उन्हें दोबारा अमृतसर का चार्ज दे दिया। अब पहले से ही एमटीपी नरेंद्र शर्मा एमटीपी के पद पर यहां हैं और दूसरे खाली पड़े हुए पद पर रंधावा के आने के बाद विभाग में फिर से तल्खी बढ़ गई है। वैसे पहले भी दोनों में ट्यूङ्क्षनग कुछ खास नहीं रही है। अब फिर से निगम के गलियारों में चर्चा बनी हुई है कि एक मयान में दो तलवारें कितने दिन रहेंगी।