एक सप्ताह बाद भी खून की कालाबाजारी करने वाला पकड़ से दूर, सेहत मंत्री से शिकायत की तैयारी
निजी अस्पताल के लिए जारी खून सिविल में बेचे जाने के मामले में सेहत विभाग की जांच से शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। प्राइवेट अस्पताल में दाखिल मरीज के लिए जारी ओ पाजिटिव खून के दो यूनिट सिविल अस्पताल में बेचे जाने के मामले में एक सप्ताह बाद भी सेहत विभाग आरोपित का पता नहीं लगा पाई है। इसे लेकर शिकायतकर्ता में खासी नाराजगी है। उसने कार्रवाई न होने पर सेहत मंत्री बह्म मोहिंदरा की शरण में जाने की बात कही है। शुक्रवार को निजी अस्पताल का डॉक्टर राजस्थान से लौट तो आया पर सेहत विभाग की टीम जांच के लिए नहीं पहुंची।
शिकायतकर्ता और हिंदुस्तान ब्लड डोनर्स वेलफेयर सोसायटी के प्रधान विनित पुरी ने आरोप लगाया कि 2 नवंबर को देर रात को सिविल अस्पताल में अज्ञात व्यक्ति की ओर से दो यूनिट ओ पाजिटिव रक्त बेचने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद सिविल सर्जन शिकायत लेने से आनाकानी कर रहे थे। कार्रवाई को लेकर अधिकार क्षेत्र की सीमा में उलझे रहे। अब सेहत विभाग नेटवर्क में फंसे लोगों से खून बेचने वालों के गिरेबान को हाथ डालने के लिए आनाकानी कर रहा है। सेहत विभाग ने हीलिंग टच अस्पताल के डॉक्टर के जालंधर पहुंचने के बाद 9 अक्टूबर को नोटिस चिपकाया था।
उन्होंने बताया कि अस्पताल का डॉक्टर शुक्रवार को अपने अस्पताल पहुंच गया पर सेहत विभाग ने वहां पहुंचकर पड़ताल करने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि सेहत विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डालने के पुरजोर प्रयास कर रहा हैं। इसकी वजह से खून की कालाबाजारी करने वालों को शह मिलेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि खून की काला बाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो रक्तदान करने वाली संस्थाएं सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा की शरण में जाकर इंसाफ की गुहार लगाएंगी।
डॉ. बीआर आंबेडकर ब्लड डोनर्स एसोसिएशन के प्रधान जतिन मट्टू ने बताया कि संंस्थाएं काफी मशक्कत कर खून की कालाबाजारी करने वालों को पकड़ती है और सेहत विभाग हमेशा पल्ला झाडऩे की कोशिश में रहता है। पिछले शुक्रवार को देर रात तक काफी मेहनत करने के बाद मामले का पर्दाफाश किया था। आज एक सप्ताह बाद भी सेहत विभाग मामले में कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुआ है।
आरोप निराधारः सिविल
दूसरी ओर, सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि सेहत विभाग हर पहलू से जांच-पड़ताल कर रहा है। निजी अस्पताल का डॉक्टर शहर से बाहर था। शुक्रवार को लौट आया है। शुक्रवार को दोनों ड्रग इंस्पेक्टर छुट्टी पर होने की वजह से टीमें नहीं पहुंच पाई। उन्होंने जेडएलए करुण सचदेव को जांच की जिम्मेदारी दी है। जांच में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं होगा।