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डिप्टी मेयर के निष्कासन के बाद कांग्रेस का घमासान तेज

जासं, जालंधर : पूर्व विधायक सुशील रिकू की शिकायत पर डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को पार्टी विरोध

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 09:44 PM (IST)
डिप्टी मेयर के निष्कासन के बाद कांग्रेस का घमासान तेज

जासं, जालंधर : पूर्व विधायक सुशील रिकू की शिकायत पर डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कांग्रेस से निष्कासित करने के बाद अब जालंधर सेंट्रल में भी ऐसा ही एक्शन देखने को मिल सकता है। कांग्रेस को मेयर और उनके करीबी साथियों की बगावत चुनाव में भारी पड़ी थी। इसी वजह से कांग्रेस के उम्मीदवार राजिंदर बेरी को मात्र 247 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। सेंट्रल हलके पर कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के मेयर जगदीश राज राजा और उनके करीबी पार्षदों के विरोध का सामना करना पड़ा था और इससे दूसरी सीटों पर भी असर पड़ा था। अब जब बगावत करने वालों पर कार्रवाई की शुरुआत हो गई है तो इसका असर जालंधर जिला के दूसरे हलकों में भी नजर आ सकता है। खासतौर पर उन सीटों पर जहां पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसमें देहात की नकोदर व करतारपुर सीट भी शामिल है।

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जालंधर सेंट्रल से पूर्व विधायक राजिंदर बेरी और मेयर जगदीश राज राजा कभी करीबी दोस्त थे लेकिन चुनाव से पहले कुछ निजी मामलों और कुछ पार्टी के फैसलों को लेकर दोनों में टकराव शुरू हो गया था। मेयर ने चुनाव में बेरी का डटकर विरोध किया था और उनके साथ चार से पांच पार्षद भी इस बगावत में शामिल रहे थे। आखिरी दिनों में मेयर सार्वजनिक तौर पर तो बेरी के साथ चल पड़े थे लेकिन अंदर खाते उनकी नाराजगी बनी रही थी। इसका खामियाजा भी कांग्रेस को भुगतना पड़ा है। जालंधर वेस्ट हलके में डिप्टी मेयर के पार्टी से निष्कासन के बाद बेरी पर भी अब दबाव है कि वह भी सेंट्रल हलके में एक्शन लें। मेयर के प्रभाव वाले इलाकों में तो कांग्रेस के बूथ भी नहीं लग पाए थे और दोपहर को खुद बेरी को मोर्चा संभालना पड़ा था।

----- मेयर और बेरी में बंद है बोलचाल, कई पार्षद भी निशाने पर

विधानसभा चुनाव के दौरान राजिंदर बेरी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मेयर व कई कांग्रेस के पार्षद इस समय बेरी के निशाने पर हैं। मेयर और बेरी में तो बोलचाल बंद है। अगर किसी कार्यक्रम में दोनों इकट्ठे भी हो जाते हैं तो भी इनमें बोलचाल नहीं होती। हालांकि बेरी अपने स्वभाव के अनुसार किसी पर भी कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन उनके समर्थक चाहते हैं कि जब जालंधर वेस्ट हलके में कड़ी कार्रवाई हुई है तो सेंट्रल में भी इसका असर नजर आना चाहिए। ऐसे में बेरी भी हाईकमान पर दबाव डालकर कार्रवाई करवा सकते हैं। पूर्व विधायक बेरी जालंधर शहरी कांग्रेस के प्रधान पद के भी दावेदार हैं। अगर वह कार्रवाई करते हैं तो उनकी एक मजबूत छवि जनता में जा सकती है। हालांकि बेरी नगर निगम चुनाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि उस दौरान बगावत करने वालों की टिकट काट सकें या उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करवा सकें, लेकिन समर्थक चाहते हैं कि यह कार्रवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए।


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