एडवाेकट विक्रांत राणा बाेले-लाेग जीवन में माैलिक अधिकाराें से लड़ सकते हैं हर लड़ाई
हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। देश में हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिए हुए हैं। इसका प्रयाेग करके ही लाेग जीवन में अपने अधिकाराें की लड़ाई लड़ सकते हैं। माैलिक अधिकारों के साथ-साथ यह लाेगाें का मौलिक कर्तव्य भी है
जालंधर, जेएनएन। हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। देश में हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिए हुए हैं। इसका प्रयाेग करके ही लाेग जीवन में अपने अधिकाराें की लड़ाई लड़ सकते हैं। माैलिक अधिकारों के साथ-साथ यह लाेगाें का मौलिक कर्तव्य भी है कि आपके अधिकारों का कोई हनन न करे। यह कहना है एडवोकेट विक्रांत राणा का। उन्हाेंने कहा कि अाज के दाैर में लाेगाें के पास इतना समय ही नहीं है।
इस बारे में पिछले दिनाें सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों को कहा था कि फैसलों में देरी अनुच्छेद-21 के तहत संविधान में मिले जीवन के मूल अधिकार का उल्लंघन है। न्यायिक अनुशासन के लिए निर्णय लेने में तत्परता की जरूरत होती है। इसे बार-बार कहा भी गया है। कोर्ट ने इस बारे में देश भर के हाई कोर्ट को रिमाइंडर जारी किया था।