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दशहरे के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइंस, कमेटियों ने मानने से किया इनकार Jalandhar News

दशहरा कमेटियों का कहना है कि अगर वे अब आवेदन करते भी हैं तो इसकी मंजूरी 15 दिन बाद मिलेगी। ऐसे में दशहरा पर्व भी निकल जाएगा।

By Edited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 03:36 PM (IST)
दशहरे के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइंस, कमेटियों ने मानने से किया इनकार Jalandhar News
दशहरे के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइंस, कमेटियों ने मानने से किया इनकार Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। अमृतसर में दशहरे के दौरान हुए दर्दनाक रेल हादसे को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। दशहरे में अब जहां पंद्रह दिन बचे है, वहीं साल भर से सौ रहे प्रशासन ने अब दशहरा कमेटियों को फरमान सुना दिया कि वे दशहरे के लिए सेवा केंद्र में आवेदन करें। प्रशासन के इस आदेश के बाद दशहरा कमेटियां भड़क गई हैं।

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उनका कहना है कि जब सरकार की ओर से साल पहले गाइडलाइंस भेज दी गई थीं तो पहले क्यों नहीं कमेटियों को बताया गया। अब जब दशहरे को ही मात्र 15 दिन बचे हैं तो वे अब सेवा केंद्र में आवेदन के बाद विभागों के चक्कर लगाएं या दशहरे की तैयारियां करें। यही नहीं उनका कहना है कि अगर वे अब आवेदन करते भी हैं तो इसकी मंजूरी 15 दिन बाद मिलेगी। ऐसे में दशहरा पर्व भी निकल जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बैठक में ही अब आवेदन करने से मना कर दिया। हालांकि कमेटी पदाधिकारियों की इस नाराजगी के बाद अधिकारी उन्हें मनाने में लगे रहे कि वे मात्र आवेदन कर दें बाकि की सभी औपचारिकताएं वे खुद पूरी करवा देंगे। कमेटियों ने साफ कर दिया है कि देरी प्रशासन की वजह से हुई है, इसमें कमेटियां अब कुछ नहीं करेंगी।

बता दें कि मंगलवार को डीसी वरिंदर शर्मा, पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर और निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा की अगुवाई में दशहरा कमेटियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें उन्हें दशहरे के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया तो कमेटियों के पदाधिकारी भड़क गए। उनका कहना था कि अब वो दशहरे की तैयारियां करें या फिर इन सब गाइडलाइंस को लागू करने में लगें। मीटिंग में डीसीपी नरेश डोगरा, अमरीक पवार, एडीसीपी सुडरविली व परमिंदर सिंह भंडाल, निगम की सहायक कमिश्नर डा. शायरी मल्होत्रा भी मौजूद थीं।

यह गाइडलाइंस बताई अफसरों ने

दशहरा उत्सव मनाने के लिए सेवा केंद्रों में आवेदन करना होगा। जिसमें समागम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या, लाउडस्पीकरों की गिनती, कुर्सियां व दूसरे प्रबंधों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके अलावा कमेटियों को दशहरा समागम वाली जगह पर लोगों के बैठने, पार्किंग व समागम स्थल के अंदर जाने व बाहर निकलने के रास्ते के बारे में भी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी। यही नहीं दशहरा समागम के लिए मंजूर की जगह की वीडियोग्राफी व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल यकीनी बनाया जाए। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी भी दशहरा कमेटियों पर डाली कि वहां पर कोई प्रदूषण व पेड़ों की कटाई नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने नेशनल हाइवेज या रेलवे लाइनों के नजदीक दशहरा मनाने के लिए एनएचएआई व रेलवे से एनओसी लेने को कहा गया।

प्रशासन की सतर्कता या रस्म अदायगी

बीते वर्ष अमृतसर में दशहरे के दौरान हुए रेल हादसे जैसी घटना भविष्य में न हो, इसके चलते हादसे के बाद ही पंजाब सरकार के गृह विभाग ने छह सितंबर 2018 को डीसी, पुलिस कमिश्नर व एसएसपी को यह गाइडलाइंस भेजी थी। इन्हीं गाइडलाइंस की जानकारी देने के लिए यह मीटिंग बुलाई गई थी। दशहरे के बिल्कुल पास आने पर प्रशासन की ओर से इस तरह की बैठक बुलाने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या सच में प्रशासन किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गंभीर है या फिर मात्र कमेटियों को यह जानकारी देकर रस्म अदायगी की जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि मीटिंग में प्रशासन ने कमेटियों से कहा कि 15 दिन में दशहरे के लिए मंजूरी मिलेगी जबकि दशहरा पर्व के लिए ही मात्र 14 दिन शेष बचे हैं।

सांझ केंद्र में कर चुके अप्लाई, अब नहीं करेंगे 

तरसेम कपूर बैठक में दशहरा कमेटियों ने कहा कि वो पहले ही सांझ केंद्र में 1200 रुपये देकर आवेदन कर चुके हैं। अब उन्हें सेवा केंद्र में 210 रुपये फीस चुकाने के लिए कहा जा रहा है। यह सब उन्हें मंजूर नहीं है। श्री महाकाली मंदिर दशहरा कमेटी के तरसेम कपूर ने कहा कि हम बार-बार कहां आवेदन करते रहेंगे? दशहरे को थोड़े दिन रह गए हैं और ऐसे में अब मीटिंग बुलाई जा रही है जबकि हम तीन सितंबर को ही आवेदन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वो सांझ केंद्र में आवेदन कर चुके हैं और फीस भी दे दी है, अब वो कोई आवेदन नहीं करेंगे। हम पर नौ महकमे थोपे जा रहे हैं। हम ये सब नहीं करेंगे, सिर्फ दशहरा सेलीब्रेट करेंगे।

बर्दाश्त नहीं अब ये शर्तें

उपकार दशहरा कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट ब्रिजेश चोपड़ा ने कहा कि वह 1981 से दशहरा सेलीब्रेट कर रहे हैं। यहां तक कि 1984 में पंजाब में आतंकवाद के दौर के वक्त में भी शांतिपूर्वक व तमाम तरह की सावधानियां रखते हुए दशहरा मनाया था। पंजाब में पहली बार कमेटी ने रिमोट के साथ पुतलों के दहन की परंपरा शुरू की थी। वही सावधानियां हम आज भी रख रहे हैं। हमारे ऊपर अब दशहरा नजदीक आने के बाद यह शर्तें थोपी जा रही हैं, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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