मां-बाप की कट्टर सोच बदलकर वरुण कौर ने फैशन जगत में बनाई अलग पहचान Jalandhar News
अक्सर देखा गया है कि मां-बाप बच्चे को वे काम करने से रोकते हैं जिसके वे खिलाफ होते हैं।
जालंधर, जेएनएन। अक्सर देखा गया है कि मां-बाप बच्चे को वे काम करने से रोकते हैं जिसके वे खिलाफ होते हैं। लेकिन अगर बच्चा रोके गए काम को करके उसमें अपनी एक अलग पहचान बना ले तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया वरुण कौर मान ने। वरुण आज कन्या महा विद्यालय में फैशन डिजाइनर विभाग में अध्यापिका के पद पर हैं। वरुण कौर बताती हैं कि उनके माता-पिता बहुत ही कट्टर सोच वाले थे। वे उसे लड़कों के स्कूल में नहीं पढ़ाते थे। वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटियां लड़कों की संगत में रहे। यहां तक कि वे कपड़े भी माता-पिता के अनुसार ही पहनते थे। यही नहीं उसे अपने अनुसार बाल तक बनाने का अधिकार नहीं था।
अपने मां-बाप की इस रूढ़ीवादी सोच को बदलते हुए वरुण कौर मान ने अपनी जो पहचान बनाई है आज उसे देखकर उनके माता-पिता आज उस पर मान है। वरुण को आज फैशन की दुनिया से संबंधित कई ऑफर आते हैं लेकिन वह युवाओं को अपनी तरह प्रशिक्षण देकर आगे लाना चाहती हैं। इसी कारण वह फैशन के क्षेत्र में नई-नई खोजों को लेकर युवा पीढ़ी को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षित करके अलग पहचान बनाने की दिशा में कार्यरत है। नर्सरी क्लास से ही वरुण ने बड़ी प्राप्तियां करनी शुरू कर दी थी। इसका सिलसिला आज तक जारी है। वरुण कौर मान मिस वर्ल्ड पंजाबन में जालंधर की मिस जालंधर फर्स्ट रनरअप रह चुकी हैं। स्टेट लेवल पर गिद्दे में पहला स्थान हासिल किया है। यूथ क्लब की सदस्य रह चुकी है। राज्य स्तर और जिला स्तर पर कविता मुकाबलों में अव्वल रही है। इसके अलावा मान कई टीवी चैनलों व रेडियो पर भी अपनी अदाकारी की जादू बिखेर चुकी हैं।
हर क्षेत्र में रहती थी अव्वल
वरुण ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ाई के अलावा हर प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थीं। हर बार प्रथम ही आती थीं चाहे वह पोएट्री का मुकाबला हो या फिर डेकोरेशन व डिबेट प्रतियोगिता हो। वरुण कौर मान का सपना था कि वह मिस इंडिया बने, लेकिन माता-पिता की सोच के चलते वह उस सफर को जारी नहीं रख पाई, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहे, जो माता-पिता उन्हें पहले गिद्दा डालने या फिर बाहर निकलकर एंकरिंग करने से रोकते थे। आज वही माता पिता उसे सबकुछ करने के लिए प्रेरित करते हैं। ये सब इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि उसने अपनी कामयाबी से अपने मां बाप की सोच को बदला। आज वह अपने माता-पिता का सहारा है।