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बठिंडा में सेहत विभाग में दर्जा चार कर्मचारी की नौकरी दिलाने का झांसा, 24 नौजवानों से ठगे 50 लाख रुपये

सिविल अस्पताल बठिंडा में तैनात एक दर्जा चार कर्मचारी ने सेवामुक्त हो चुके हेल्थ डायरेक्टर के नाम पर बठिंडा जिले के 24 नौजवानों से 50 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की है। फिलहाल आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुलिस ने कहा कि आरोपित जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 10 Feb 2022 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 10 Feb 2022 01:57 PM (IST)
बठिंडा में सेहत विभाग में दर्जा चार कर्मचारी की नौकरी दिलाने का झांसा, 24 नौजवानों से ठगे 50 लाख रुपये
बठिंडा में सेहत विभाग में दर्जा चार कर्मचारी की नौकरी दिलाने का झांसा दे 24 नौजवानों से ठगी हुई है।

जासं, बठिंडा। सिविल अस्पताल बठिंडा में तैनात एक दर्जा चार कर्मचारी ने सेवामुक्त हो चुके हेल्थ डायरेक्टर के नाम पर बठिंडा जिले के 24 नौजवानों से 50 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की है। आरोपित दर्जा चार कर्मचारी ने पीड़ित नौजवानों को सेहत विभाग में दर्जा चार कर्मचारी भर्ती करवाने का झांसा देकर प्रति युवक से ढाई-ढाई लाख रुपये हासिल किए थे। एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद जब युवकों को नौकरी नहीं मिली, तो सितंबर 2021 को सभी पीड़ित युवक गांव के लोगों को साथ लेकर सिविल अस्पताल बठिंडा पहुंचा गए, जहां पर पैसे लेने वाले दर्जा चार कर्मचारी को पकड़ लिया था और उसे अपने पैसे वापस करने की मांग की।

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इसके बाद दर्जा चार कर्मचारी ने कहा कि उसने पैसे सिविल सर्जन दफ्तर में तैनात एक सुपरिटेंडेंट काे दिए है। इसके बाद पीड़ित लोगों ने सुपरिटेंडेंट से बातचीत की, उसने कहा कि उसने कोई भी पैसे नहीं लिया है। इसके बाद काफी हंगामा होने के बाद मामला सिविल अस्पताल पुलिस चौंकी पहुंच गया था।जहां पर पुलिस ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं पीड़ित लोगों ने एक लिखित शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने पीड़ित लोगों की तरफ से दी गई लिखित शिकायत की जांच पड़ताल करने के बाद आरोपित दर्जा चार कर्मचारी सिविल अस्पताल बठिंडा वरिंदर सिंह निवासी बचन कालोनी बठिंडा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस को दी शिकायत में तलविंदर सिंह निवासी गांव शेखपुरा ने बताया कि वह और उसके जैसे करीब 24 बेरोजगार युवकों के साथ सेहत विभाग में बतौर दर्जा चार कर्मचारी की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हुई है। उसने बताया कि करीब एक साल पहले उनकी मुलाकात सिविल अस्पताल बठिंडा में दर्जा चार कर्मचारी व आरोपित वरिंदर सिंह निवासी बचन कालोनी बठिंडा से हुई। उसने बताया कि सेहत विभाग के डायरेक्टर ने अपने कोटे से करीब 35 दर्जा चार कर्मचारियों की भर्ती करनी है और उसकी डायरेक्टर दफ्तर में अच्छी जान पहचान है। इसलिए वह बेरोजगार नौजवानों को सरकारी नौकरी लगवा देगा। इसके लिए वह एक व्यक्ति का ढाई लाख रुपये खर्च आएगा। पीड़ितों ने बताया कि वह उक्त कर्मचारी के झांसे में आकर जिले अलग-अलग गांव के करीब 24 नौजवानों से ढाई लाख रुपये के हिसाब से करीब 50 लाख रुपये एकत्र कर आरोपित कर्मचारी को दे दिए।

पैसे लेने के बाद वह युवकों को नौकरी लगवाने के लिए टाल मटोल करता रहा। दाे महीने बीत जाने के बाद घेर लिया और उसे उनके पैसे वापस करने की मांग की। इसके बाद उसने चेक दिए और अष्टाम पेपर लिखकर उनके पैसे वापस करने का दावा भी किया, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद उसने पैसे वापस नहीं किए। इसके चलते मजबूर होकर अस्पताल आकर उसे घेरना पड़ा। इस मौके पर ठगी का शिकार हुए मंजीत सिंह लेहरा मोहब्बत, निर्मल सिंह, बलराज सिंह, तारा सिंह, गुरलाभ सिंह निवासी गांव बहादुरगढ़, गुरविंदर सिंह निवासी जोगानंद समेत नौजवानों ने जब उक्त आरोपित से अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपित दर्जा चार कर्मचारी ने कहा कि उसने पैसे सिविल सर्जन दफ्तर में तैनात एक सुपरिटेंडेंट काे दिए है। इसके बाद पीड़ित लोगों ने सुपरिटेंडेंट से बातचीत की, उसने कहा कि उसने किसी भी युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर कोई भी पैसे नहीं लिया है। इसके बाद काफी हंगामा होने के बाद मामला की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल करने के बाद आरोपित दर्जा चार कर्मचारी वरिंदर सिंह पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।


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