चुनाव ड्यूटी से बच रहे 18 अधिकारियों को डीसी ने कराया गिरफ्तार
पंजाब के शाहाकोट उपचुनाव में ड्यूटी से बचने की कोशिश कर रहे कर्मियों को डीसी ने गिरफ्तार करा दिया। इन लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
जेएनएन, जालंधर। पिछले चुनावों में रिजर्व चुनाव ड्यूटी से बचने का फॉर्मूला इस बार धोखा दे गया। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने बड़ी ही चतुराई से ड्यूटी स्थल पर पहुंचकर भी चुनाव ड्यूटी से बचने की कोशिश कर रहे 18 अधिकारियों व मुलाजिमों को मौके पर ही थाना शाहकोट के एसएचओ को बुलाकर गिरफ्तार करा दिया। अचानक हुई इस गिरफ्तारी को लेकर अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उन्हें बचाने के लिए थाने में देर रात तक जमघट लगा हुआ था।
रविवार को डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने सभी 236 पोलिंग पार्टियों को रवाना करने के बाद रिजर्व पोलिंग स्टाफ की उपस्थिति भी अपनी मौजूदगी में ही दर्ज कराई। इनमें से कुछ अधिकारी व मुलाजिम पोलिंग पार्टी रवानगी स्थल पब्लिक हाईस्कूल में पहुंचने के बावजूद बार-बार मंच से एनाउंस करने के बाद भी उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे थे। सभी की उपस्थिति दर्ज होने के बाद डीसी को उपस्थिति दर्ज कराने वालों की तुलना में मौके पर ज्यादा लोग बैठे दिखाई दिए।
शक होने पर उन्होंने एनाउंस करा दिया कि कोई भी पोलिंग अधिकारी व मुलाजिम ड्यूटी वितरण केंद्र से बाहर निकलकर नहीं जाएगा। स्कूल के बाहर पुलिस बल लगाकर निर्देश दे दिए कि किसी को बाहर नहीं निकलने दिया जाय। बाद में थाना प्रभारी शाहकोट को मौके पर बुलाकर सभी की फिजिकल वेरीफिकेशन कराई गई। इसमें 18 ऐसे लोग सामने आए जो मौजूद तो थे पर रिजर्व ड्यूटी से बचने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे थे।
इनमें कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर व बैंक अधिकारी तक शामिल हैं। सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार करा दिया गया। बाद में डीसी ने एसडीएम को निर्देश दिए कि वे उन कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराएं जो सुबह उपस्थित थे लेकिन शाम को नहीं पहुंचे। ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जा सके। डीसी वरिंदर शर्मा ने कहा है कि चुनाव राष्ट्रीय कार्य है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।
सूत्रों का कहा है कि पिछले वर्षों में ऐसा होता रहा है कि सैकडों की संख्या में पोङ्क्षलग पार्टियों में से रिजर्व में कुछ उपस्थित नहीं होते थे तो कुछ को नजर अंदाज कर दिया जाता था। इससे वे ड्यूटी न कटने के बावजूद ड्यूटी से बच जाते थे