विधायकों में तालमेल नहीं, पार्षदों की बढ़ी नाराजगी
जागरण संवाददाता, जालंधर निगम सदन में हंगामा करने वाले यूनियन नेताओं पर कार्रवाई को लेकर 20 दिन में
जागरण संवाददाता, जालंधर
निगम सदन में हंगामा करने वाले यूनियन नेताओं पर कार्रवाई को लेकर 20 दिन में पांच बैठकों के बावजूद कोई फैसला नहीं हो पाया है। 23 नवंबर को अकाली-भाजपा पार्षदों की बैठक में सीपीएस केडी भंडारी व विधायक परगट सिंह ने दो दिन में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार देर शाम तक कोई कार्रवाई न होने से पार्षदों की नाराजगी बढ़ गई है। हालांकि इस्तीफा देने के फैसले पर गठबंधन पार्षद अभी थोड़ा इंतजार करेंगे, जो लगातार विधायकों के संपर्क में हैं।
बताया जा रहा है कि कार्रवाई की मांग पर निगम यूनियन के पलटवार करने के कारण कार्रवाई पर फैसला लेने का मामला लटकता जा रहा है, जबकि शहर के चारों विधायकों का आपस में तालमेल न होने पाने के कारण मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री से इस मसले पर मुलाकात भी नहीं हो पाई है। ऐसे में कुछ पार्षद थोड़े और इंतजार की बात कह रहे हैं तो कुछ पार्षद बुधवार तक कुछ ना होने पर कड़े फैसले की चेतावनी दे रहे हैं। इस बाबत विधायक परगट सिंह का कहना है कि फैसला तो सीपीएस भंडारी के साथ मुख्यमंत्री से मिलने का हुआ था, लेकिन दो दिन से कोई तालमेल ही नहीं हुआ।
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शुक्रवार का इंतजार, अकाली दल बनाएगा रणनीति
सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया का कहना है कि अगर शुक्रवार तक कार्रवाई को लेकर फैसला न हुआ तो फिर शनिवार को अकाली पार्षदों की बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस्तीफे के सवाल पर भाटिया ने कहा कि वह पार्षदों के फैसले के साथ हैं और जब भी कहा जाएगा इस्तीफा सौंपने को तैयार हैं।
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पहले माह ही टूटेगा मेयर का वायदा
मेयर ने तो चार नवंबर की बैठक में ऐलान किया था कि हर माह के अंतिम शुक्रवार को सदन की बैठक होगी, लेकिन कार्रवाई नहीं तो बैठक नहीं की पार्षदों की चेतावनी से लगता है कि पूर्व में हुए कई घोषणाओं की तरह पहले माह की मेयर के वायदे हवा हो जाएंगे।