नजरें कम मिलाई, भाजपा ने चलाए 'नशे के बाण'
मनुपाल शर्मा, जालंधर हरियाणा के चुनावी नतीजों से अति-उत्साही भाजपा नेताओं ने करतारपुर में मुख्यमं
मनुपाल शर्मा, जालंधर
हरियाणा के चुनावी नतीजों से अति-उत्साही भाजपा नेताओं ने करतारपुर में मुख्यमंत्री समेत अकाली लीडरशिप से ज्यादा नजरें मिलाने से तो गुरेज किया, लेकिन मंच से अकाली सरकार पर 'नशे के बाण' जरूर चला डाले। जंग-ए-आजादी स्मारक के शिलान्यास समारोह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बलरामजी दास टंडन, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और पंजाब भाजपा के अध्यक्ष कमल शर्मा पहुंचे थे। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के दाई तरफ शांता कुमार और मुख्यमंत्री प्रकाश बादल के दाई तरफ बलरामजी दास टंडन बैठे, लेकिन लगभग चार घंटे में दोनों ही भाजपा नेता मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री से कहीं ज्यादा बतियाते नजर नहीं आए। सुखबीर और शांता कुमार में इकट्ठे बैठे होने के बावजूद मात्र एक बार ही बात हुई। उस समय तक हरियाणा चुनाव के अधिकतर नतीजे मिलने शुरू हो चुके थे, जिन्हें लेकर उपस्थित जनसमूह में चर्चाएं जारी थी।
मंच पर आमंत्रित पंजाब भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा ने शहीदों की यादगार बनाने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का धन्यवाद जरूर किया, लेकिन साथ ही पंजाब में नशे के आतंक पर चिंता जाहिर कर इस पर फौरन रोक लगाने की मांग भी प्रभावी तरीके से रखी। शांता कुमार शहीद भगत सिंह, वीर सावरकर और जलियांवाला बाग का जिक्र करते हुए कह गए कि पंजाब तो इतना मजबूत था। अंग्रेज बाहर निकाल दिए, लेकिन नशे के समक्ष क्यों झुक रहा है। नशे को लेकर पंजाबी कमजोर किसलिए पड़ गए हैं? राज्यपाल बलरामजी दास टंडन मंच पर पहुंचे तो आजादी और गुलामी का अंतर समझाते हुए नसीहत दे डाली, 'खाओ-पियो और ऐश करो' की नीति अपना चुके लोगों को यह हरगिज नहीं सोचना चाहिए कि उनकी आजादी कभी गुलामी में तब्दील नहीं हो सकती। हर समय सजग रहने की जरूरत है। टंडन ने ऐसा एक बार नहीं कहा, बल्कि पांच मिनट के अंतराल में दोहराया भी।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील जाखड़ ने आशाओं के विपरीत अपने संबोधन को मात्र इतिहास तक ही सीमित रखा। इतना जरूर कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के मौके जरूर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए, ताकि वे कंटेनरों में बंद होने का रिस्क लेकर भी विदेश जाने के बारे में न सोचें।
कुल मिलाकर पंजाब के ज्वलंत मुद्दों और चुनारी नतीजों पर किसी ने बात नहीं, लेकिन अकाली दल में हार की नमोशी साफ नजर आई।
देरी से आए, जल्दी निकले सुखबीर
उपमुख्यमंत्री एवं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल कार्यक्रम में देरी से पहुंचे और प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के संबोधन से पहले ही निकल गए। कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पहली पंक्ति में भगत चूनी लाल के साथ बैठे रहे, लेकिन वह भी कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही समारोह छोड़ निकल गए।