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घर जाने के लिए 20 दिन से पास के इंतजार में बाहरी राज्यों के मजदूर

कोरोना वायरस ने आम व्यक्ति की जीवन शैली बिल्कुल ही हिला कर रख दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 06:10 AM (IST)
घर जाने के लिए 20 दिन से पास के इंतजार में बाहरी राज्यों के मजदूर
घर जाने के लिए 20 दिन से पास के इंतजार में बाहरी राज्यों के मजदूर

सतीश कुमार होशियारपुर

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कोरोना वायरस ने आम व्यक्ति की जीवन शैली बिल्कुल ही हिला कर रख दी है। पंजाब में पहले क‌र्फ्यू के चलते प्रवासी मजदूरों का अपने राज्यों और घरों में जाना मुश्किल सा हो गया है। मंगलवार को एसडीएम कार्यालय होशियारपुर में जागरण की टीम ने दौरा किया तो वहां पर अपने घर को जाने के लिए पास के लिए लाईन लगा कर खड़े लोगों से बात की तो अपनी मजबूरी बताई। दो मई को किया था पास के लिए अप्लाई

बिहार जाने के लिए लाईन में पास बनाने के लिए खड़े तिलकराज ने बताया कि उन्होंने दो मई को आनलाईन बिहार के जिला बेतिया जाने के लिए फार्म भरा था। वह अगले ही दिन से लगातार चक्कर लगा रहे है मगर जब भी वह एसडीएम कार्यालय आते है तो यही पता चलता है कि अभी उनका नंबर नही आया है। 8 मई वाले को पास मिला

लाइन में खड़े सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने तीन मई को अप्लाई किया था उत्तरप्रदेश के जिला गौंडा के लिए सुबह बगैर कुछ खाए लाइन में खड़े हो जाते है मगर बाद नंबर आने पर पता चलता है कि आप का अभी फार्म नही मिला है। मगर मंगलवार को लाईन में लगे एक व्यक्ति ने जब बताया कि उसने भी आठ मई को गोंडा के लिए ही अप्लाई किया था उसका पास तो बन गया है। सुशील कुमार बात सुनकर हैरान रह गया कि तीन मई वाले का फार्म मिला नही तो आठ मई वाले का पास कैसे बन गया है।

24 आदमी कर रहे है बीस दिन से घर जाने के लिए पास का इंतजार

बिहार जाने के लिए कुछ महिलाएं भी खड़ी थी के मुखिया संजय कुमार ने बताया कि वह छह परिवार है और जब से पंजाब में पहले क‌र्फ्यू लगा होने से खाने पीने का बुरा हाल होने के कारण वह किसी भी तरह से अपने घर बिहार के जिला मोतीहारी जाना चाहते है। दो मई को आनलाईन अप्लाई करने के बाद जब भी यहां पता करने पहुंचे तो यही जवाब मिलता है कि अभी आप का फार्म नहीं मिला है। पास बनाने के लिए जितने भी लोग लाइन में खड़े थे आधे से ज्यादा लोग बिहार से संबंधित थे। बिहार के लिए कोई गाड़ी नहीं: नायब तहसीलदार

नायब तहसीलदार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि होशियारपुर से बिहार के लिए कोई गाड़ी नहीं है। बिहार के लिए गाड़ी जालंधर से ही बन कर चलती है। गाड़ी में सब से पहले जालंधर के मजदूरों को ही बिहार के लिए भेजा जा रहा है अगर ट्रेन में स्थान रिक्त मिले तो वह होशियारपुर से मजदूर मंगवा लेते है। होशियारपुर में ज्यादा पास उत्तर प्रदेश के ही बनाए जाते है अगर जालंधर से बिहार के लिए कोई संदेश मिले तो ही बिहार के लिए पास जारी किए जा रहे है।


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