पौंग डैम में पानी खतरे के निशान से 2 फुट ऊपर
ब्यास नदी पर मिट्टी की दीवार से बनाए गए एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में आज सुबह 9 बजे जलस्तर 1391.11फीट रिकार्ड किया गया है। इसी समय बांध में मात्र 34917 क्यूसिक पानी की आवक हो रही है और बांध के बिजली घर की टरबाइनों के माध्यम से 12192 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। इस प्रकार विगत चार दिनों में ही बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते 15फीट जलस्तर बढ़ा है और महराना
संवाद सहयोगी, दातारपुर
ब्यास नदी पर मिट्टी की दीवार से बनाए गए एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग बांध स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में बुधवार सुबह 9 बजे जलस्तर 1391.11 फुट रिकार्ड किया गया है। इस समय बांध में मात्र 34917 क्यूसिक पानी की आवक हो रही थी और बांध के बिजली घर की टरबाइनों के माध्यम से 12192 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। इस प्रकार विगत चार दिनों में ही बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते 1391-1376=15 फुट जलस्तर बढ़ा है और महराना प्रताप सागर झील अब लबालब भर गई है।
बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर सुरेश माथुर ने बताया कि पौंग बांध में भरपूर जलभराव होने से अब सारा साल पंजाब, हिमाचल, हरियाणा तथा राजस्थान के लिए ¨सचाई सुविधा के लिए भरपूर पानी उपलब्ध रहेगा। इसी प्रकार बिजली उत्पादन भी भरपूर होगा, जो राष्ट्र समृद्धि के लिए सहायक रहेगा।
उन्होने बताया कि 1410 फुट तक जलभराव क्षमता वाले इस बांध में पानी 1395 फुट तक भरा जा सकता है। चाहे खतरे का निशान 1390 फुट निर्धारित किया गया है। अभी मानसून का समय समाप्त ही हो चुका है, इसलिए और पानी रोका जा सकता है।
मुख्य अभियंता सुरेश माथुर तथा एक्सईएन रेगुलेशन जसवीर पाल ने बताया मंगलवार सुबह झील में लगभग पौने दो लाख क्यूसिक पानी की भारी आमद हो रही थी। मगर, बुधवार सुबह से लेकर अब पानी की आवक काफी घटी है, जो अब मात्र 34917 क्यूसिक है। धूप खिलने तथा बारिश रुकने के कारण यह आवक शाम तक और भी घटेगी।
मुख्य अभियंता सुरेश माथुर तथा जसवीर पाल ने बताया कि इस सबके बाबजूद बांध प्रबंधन हालात पर पूरी तत्परता से नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा हम बारिश की भविष्यवाणी, पानी की आवक तथा अन्य सभी पहलुओं पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और ऐसी मात्रा में अतिरिक्त पानी छोड़ने की कोई भी संभावना नहीं है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाए।
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खुश हैं राजस्थान के लोग
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के कस्बा अनूपगढ़ के बलबंत नागपाल, अशोक कुमार, मंगल, देस राज सेतिया, सरदूल ¨सह आदि जो मां ¨चतपूर्णी माता के दर्शनों को आए हुए थे, ने बुधवार को पौंग बांध झील को भी देखा। भरपूर जलस्तर को देख कर उन्होंने खुशी से कहा कि इस वर्ष उनके यहां भरपूर फसल होगी, क्योंकि ऐसा जलभराव कई सालों के बाद हुआ है। उन्हें फसलों की ¨सचाई के लिए पूरा पानी मिल सकेगा।
उधर, एटक यूनियन के प्रधान अशोक कुमार का कहना है कि बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा इस साल बड़ी सूझबूझ से पानी का संग्रहण करके आगामी साल के लिए अच्छा कार्य किया है। इसके लिए प्रबंधन बधाई का पात्र है। इसी कारण निचले इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति भी नहीं बनी।