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नजरों के सामने ही बैठे पशु, लगता गम में है निगम

आए दिन लावारिस पशुओं से होने वाले हादसों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 11:10 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 11:10 PM (IST)
नजरों के सामने ही बैठे पशु, लगता गम में है निगम
नजरों के सामने ही बैठे पशु, लगता गम में है निगम

वरिदर बेदी, होशियारपुर : आए दिन लावारिस पशुओं से होने वाले हादसों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। किस प्रकार लावारिस जानवर सड़कों पर यमदूत बन कर घूम रहे हैं मगर प्रशासन विकराल हो चुकी इस समस्या से आंखे मूंदकर बैठे तमाशा देख रहा हैं। सोशल मीडिया पर लोग सरकार व प्रशासन की इस नाकामी को कोसते भी नजर आते हैं। बीते दिन भी वायरल हुई एक वीडियो में सुनाम में एक लावारिस सांड द्वारा पास से गुजर से रहे पुलिस वाले को इतनी जोर से पटका कि वह गंभीर घायल हो गया। इसी तरह एक अन्य वीडियो में एक छोटी बच्ची माता के साथ साइकिल पर जा रही है कि पीछे से आए लावारिस पशु ने उनपर हमला कर दिया जिससे छोटी बच्ची को बचाने की कोशिश में मां पशु के पैरों से रौैंदी गई। ऐसी ही एक और वीडियो संगरुर में किसी पुल पर खड़े लावारिस जानवर की भी पोस्ट की गई जिसमें जानवर वहां से गुजरने वाले वाहनों को टक्कर मारता दिखाई दे रहा है। अगर होशियारपुर शहर की बात करे तो यहां भी लावारिस जानवरों ने शहर से लेकर गांव तक आंतक मचा रखा है मगर स्थानीय प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागने के लिए तैयार नहीं नजर आ रहा। निगम व प्रशासन शहरवासियों को आवारा पशुधन से निजात दिलाने के लिए बड़े बड़े दावे तो करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। शहर में निगम कार्यालय के पास पड़ते धोबीघाट चौक में भी लावारिस पशु बड़ी संख्या में डेरा जमाएं नजर आते है जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। निगम कार्यालय के पास डेरा जमाए इन पशुओं को देखकर सभी के मुंह से दीए तले अंधेरा वाली कहावत ही निकलती है।

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हादसों से भी सबक नहीं

लावारिस पशुओं से होनी वाली दुर्घटनाओं में लोग काल का ग्रास बन रहे हैं। करीब बीस दिन पहले भी शहर के नलोइयां चौक में अज्जोवाल वासी 25 वर्षीय युवक जो मोटरसाइकिल पर जा रहा था, को पशु ने टककर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। इससे पहले टांडा में भी पठानकोट वासी मां-बेटी की मौत कार में एक लावारिस पशु के टकराने से हो गई थी। इससे पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं जिनमें लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

दो-दो कैटल पौंड, नतीजा जीरो

शहर में प्रशासन द्वारा दो-दो कैटल पौंड बनवाए गए हैं। शहर के भंगी चोअ के पास बना कैटल पौंड निगम के अधीन है। इसी तरह गांव फलाही में बनाया गया कैटल पौंड स्थानीय प्रशासन के अधीन है। दो-दो कैटल पौंड होने के बावजूद लोगों को अभी तक पूरी तरह से लावारिस पशुधन से निजात मिलती नजर नहीं आ रही। निगम अधिकारियों का दावा था कि कैटल पौंड बनने के बाद शहर में लावारिस पशुओं से निजात मिल जाएगी मगर दोनों कैटल पौंड को बने भी करीब दो साल से उपर का समय बीत चुका है लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका।

पशुपालन विभाग के सहयोग से होगा काम: मेयर

मेयर शिवसूद ने कहा कि शहर में लावारिस पशुधन चिता का विषय है। इसके समाधान के लिए निगम द्वारा कार्रवाई की जा रही है। हाउस में प्रस्ताव पास करके लावारिस पशुधन को बेहोश करने वाली गन खरीदने को सरकार ने मंजूर कर लिया है और जल्द ही यह गन खरीदी जा रही है। इसमें बेहोश करने वाली दवा इंजेक्ट करके पशु को लगाई जाती है जिससे पशु थोड़ी देर के लिए बेहोश हो जाता है। इससे उसे पकड़ने में आसानी होती है। निगम द्वारा पशु पालन विभाग के सहयोग से लावारिस पशुओं को पकड़ा जाएगा।

समस्या गंभीर है जल्द निकालेंगे हल : निगम कमिश्नर

एडीसी (सामान्य) व नगर निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने भी माना कि लावारिस पशुधन की समस्या गंभीर है। जब पालतू पशु दूध देना बंद कर देते हैं तो लोग सड़कों पर उन्हें लावारिस छोड़ देते हैं, जिससे यह समस्या बढ़ रही है। वहीं निगम के पास ऐसे पशुओं को पकड़ने के लिए कैचर वैन भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी किसी एनजीओ के सहयोग से ऐसे पशुधन को पकड़ कर कैटल पौंड में छोड़ा जाएगा।


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