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उच्च रक्तचाप से बचना है तो करें व्यायाम, नशे से दूर रहें

भागदौड़ भरी जिंदगी में आज उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिसकी चपेट में अधिकांश लोग आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:31 AM (IST)
उच्च रक्तचाप से बचना है तो करें व्यायाम, नशे से दूर रहें
उच्च रक्तचाप से बचना है तो करें व्यायाम, नशे से दूर रहें

संवाद सहयोगी, दातारपुर : भागदौड़ भरी जिंदगी में आज उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसकी चपेट में अधिकांश लोग आ रहे हैं। इस बढ़ते उच्च रक्तचाप की वजह से कई बार व्यक्ति की जान भी संकट में पड़ जाती है। इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि ब्लड प्रेशर क्या है, यह क्यों बढ़ता है, इसके क्या-क्या खतरे हैं और इसे कैसे नियमित रखा जा सकता है।

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इस विषय में आज विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर दैनिक जागरण के साथ चर्चा करते हुए वासल अस्पताल के एमडी डॉ. राज वासल ने कहा हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप को खामोश हत्यारा कहा जाता है। क्योंकि व्यक्ति को इस बात का पता ही नहीं चलता है कि उसे उच्च रक्तचाप की शिकायत है और जब कोई हादसा हो जाता है, तब मालूम पड़ता है कि इसकी वजह रक्तचाप का बढ़ना था। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उच्च रक्तचाप का रोग किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। यह बीमारी स्त्री-पुरुष में विभेद नहीं करती। यदि यह रोग एक बार लग जाए, तो ताउम्र पीछा नहीं छोड़ता। इसलिए इसके प्रति सदैव सतर्क रहें। डॉ. वासल ने कहा रक्त द्वारा धमनियों पर डाले गए दबाव को ब्लड प्रेशर या रक्तचाप कहते हैं। रक्त दाब की मात्रा हृदय की शक्ति व रक्त संचार प्रणाली में रक्त की मात्रा और धमनियों की हालत पर निर्भर रहती है। रक्तचाप दो प्रकार का होता है- अधिकतम और न्यूनतम। जब बायां निलय सिकुड़ता है, तब अधिकतम दबाव होता है।

आमतौर पर किसी भी स्वस्थ युवा का औसत सिस्टोलिक 120 मिमी और डायस्टोलिक 80 मिमी होता है। इन्हें 120/80 लिखा जाता है। यह औसत है, व्यवहार में इससे थोड़ा कम ज्यादा हो सकता है। लेकिन उच्च रक्तचाप का रोगी कोई व्यक्ति तभी माना जाता है, जबकि उसका प्रकुंचक दाब 140 मिमी और संप्रसारण दाब 90 मिमी या उससे अधिक हो। अक्सर तनाव और ब्लड प्रेशर का चोली और दामन का रिश्ता होता है। तनाव आते ही शरीर की छोटी-छोटी धमनियाँ संकुचित होने लगती हैं। जितना अधिक तनाव, उतना अधिक धमनियों में संकुचन। नतीजा उतना ही उच्च रक्तचाप।

हाजीपुर अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ. हरमिदर सिंह ने कहा इसी तरह जो लोग किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम नहीं करते, उन्हें भी उच्च रक्तचाप की शिकायत हो जाती है, क्योंकि उनके शरीर की धमनियां व्यायाम के अभाव में संकुचित हो जाती हैं। वहीं उच्च रक्तचाप गुर्दों के खराब होने का कारण भी है और परिणाम भी यानी खराब गुर्दों की वजह से रक्तचाप बढ़ सकता है। सका कारण यह है कि जिन रक्त नलियों से गुर्दे में रक्त पहुंचता है, वे सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है।

डॉ. राज सल तथा डॉ. हरमिदर सिंह ने बताया उच्च रक्तचाप हृदय की गति को भी बंद कर सकता है। कई बार ब्लड प्रेशर की वजह से आंखों की कोई धमनी भी फट सकती है जो व्यक्ति को अंधा भी बना सकती है। उच्च रक्तचाप का सर्वाधिक चितनीय पहलू यह है कि यह व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है। क्या करें-

- नियमित जांच कराएं।

- नियमित रूप से दवाएं लें। कैसे करें नियंत्रित

- मोटापा घटाएं।

-धूम्रपान एवं शराब का परित्याग करें

-नमक का सेवन बहुत कम करें।

-संतुलित भोजन लें।

- नियमित व्यायाम करें।

- योग करें।

- भरपूर नींद लें।

- सुबह की सैर करें।

-तनाव से बचें।


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