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हजारों श्रद्धालुओं ने नागदेवता को किया नमन

घने जंगल के बीच स्थित वृंदावन नागदेवता मंदिर में नाग पंचमी के पावन पर्व पर हजारों भक्तों ने श्रद्धा और आस्था का इजहार किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 05:00 AM (IST)
हजारों श्रद्धालुओं ने नागदेवता को किया नमन
हजारों श्रद्धालुओं ने नागदेवता को किया नमन

संवाद सहयोगी, दातारपुर : घने जंगल के बीच स्थित वृंदावन नागदेवता मंदिर में नाग पंचमी के पावन पर्व पर हजारों भक्तों ने श्रद्धा और आस्था का इजहार किया। महामंडलेश्वर महंत रमेश दास महाराज की अध्यक्षता व आध्यात्मिक विभूति राजिदर सिंह जिदा बाबा और प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष सुनील कुमार की हाजिरी में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हुआ, जो शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने लाइनों में लगकर माथा टेका और बाद में लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। परिसर में लगाए गए झूलों का बच्चों के साथ महिलाओं ने भी आनंद लिया। शीला, वंदना, सरिता ने कहा, सावन में झूला झूलने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। मेले में दो सौ से अधिक अस्थायी दुकानें लगी थी, जिनमें लोगों ने खरीदारी की। खाद्य पदार्थो के कई स्टाल थे, पर जलेबी सब पर भारी पड़ी। महंत रमेश दास व जिदा बाबा ने भक्तों को आशीर्वाद दिया और सावन महीने में शिवजी की पूजा व नागपंचमी के दिन नागों की अराधना करने का महत्व बताया। मुकेरियां, दसूहा, तलवाड़ा दातारपुर समेत दूरदराज से आए भक्तों ने ऐतिहासिक महत्व के इस मंदिर की अनुपम छटा को निहारा। इस अवसर पर सुनील ठाकुर, अशोक कुमार, दरमेश सिंह, कैप्टन रविद्र शर्मा उपस्थित थे।

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पूर्व में किए कर्मो का फल जरूर मिलता है : महंत

संवाद सहयोगी, दातारपुर : बाबा लाल दयाल दरबार में भाद्रपद महीने की संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं को सन्मार्ग दिखाते हुए महंत रमेश दास ने कहा, लोगों के अनुसार दुनिया में जो मनुष्य अत्याचार व कालाबाजारी करता है, घूस खा रहा है, मायाचार करता है, व्यसनी है, पापी है, वहीं सुखी देखा जाता है। उसी के बड़े-बड़े बंगले बने हुए हैं, वहीं सम्मान पाता है। दूसरी ओर, जो ईमानदारी से न्यायपूर्वक धन कमाकर किसी तरह गुजारा करता है उसकी न तो कोई भाई-बंधुओं में गिनती है, न समाज, न उसे कोई स्थान प्राप्त है, न उसके पास बड़ी बिल्डिग है, न कुछ संपत्ति। ऐसा मानना ठीक नहीं है क्योंकि यह जरूरी नहीं कि आज के किए हुए शुभाशुभ कर्म मौके पर ही फल दें। इस अवसर पर अशोक गुलाटी, सुदर्शन, तरसेम लाल, अमित शारदा, जनक राज, अनीता, सुदेश कुमारी, भोली देवी, ओंकार चंद, कांता देवी, सुरिदर कुमार, राजिद्र कुमार, शीला देवी, राजेश उपस्थित थे।


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