फैक्टरी से चुराए ड्रम, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, उसी जगह फिर चोरी
पिछले सालों में पंजाब से भारी मात्र में उद्योग पलायन कर जाने के सरकार सकते में आ गई थी और सरकार अब प्रदेश से बाहर जा रहे उद्योगों को रोकने के लिए भरकस प्रयास कर रही है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
पिछले सालों में पंजाब से भारी मात्र में उद्योग पलायन कर जाने के सरकार सकते में आ गई थी और सरकार अब प्रदेश से बाहर जा रहे उद्योगों को रोकने के लिए भरकस प्रयास कर रही है।उद्योग लगाने के लिए कई प्रकार की छूट दी जा रही है ताकि उद्योग लगाने वालों को कोई परेशानी न आए।परंतु यह दावे कितने सच हैं और उद्योग लगाने वालों की सुनवाई कितनी होती है इसकी ताजा मिसाल बुल्लोवाल थाना के अधीन पड़ते गांव सटियाना में देखने को मिल रही है।जहां दिल्ली से होशियारपुर आकर पेंट का उद्योग स्थापित करने वाले एक फैक्टरी मालिक इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है और पुलिस के पक्षपाती रवैये फैक्टरी मालिक खासा परेशान है।मामला फैक्टरी में हुई चोरी का है। फैक्टरी मालिक ने चोरी के बाद पुलिस को शिकायत भी दी परंतु पुलिस की ढीली कार्रवाई के कारण चोरी के बाद एक बार फिर चोरी हो गई और पुलिस सबकुछ जानते हुए भी जानबूझ कर कोई कार्रवाई नहीं कर रही और आरोपित सरेआम घूम रहे हैं।फैक्टरी लीस पर लेकर काम शुरु करने वाले व्यक्ति का आरोप है कि चूंकि वह यहां के रहने वाले नहीं है और दूसरा पक्ष होशियारपुर का रहने वाला है इसलिए पुलिस उनके दवाब में काम कर रही है।पीड़ित ने यह भी बताया कि फैक्टरी में लाखों रुपए का कच्चा माल पड़ा हुआ है और वह एक एक करके चोरी हो रहा है पर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है और मामला दर्ज कर इतिश्री कर गई है। क्या है मामला
लीस पर फैक्टरी लेकर काम करने वाले अनुपम अग्रवाल ने बताया कि वह दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने सटियाना गांव में एक फैक्टरी के मालिक अंकित आनंद जोकि उनके जानकार थे से उनकी फैक्टरी लीस पर लेकर पेंट का काम शुरु किया था। कोरोना के कारण कर्फ्यू लग गया और वह अपने घर दिल्ली लौट गए। इस बीच वह होशियारपुर नहीं लौट सके।सप्लाई चेन रुकने के कारण कच्चे माल का रेट बढ़ गया। इस बीच अंकित आनंद ने धक्केशाही करते हुए फैक्टरी में रह रहे मजदूरों को धमका कर 15 ड्रम रोजिन जोकि पेंट बनाने का कच्चा माल है खुर्द बुर्द कर दिए।फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों ने जब उन्हें इस संबंधी बताया तो वह होशियारपुर लौट आए और जब उन्होंने देखा तो फैक्टरी में काफी सामान गायब था। उन्होंने इस दौरान फैक्टरी के मजदूरों को धमकाया और उनसे धक्के से ब्यान भी लिए।उन्होंने इस संबंधी बुल्लोवाल पुलिस को शिकायत दी, पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन अंकित आनंद पर आज भी आजाद घूम रहा है।वह पुलिस को बार-बार आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए कहते रहे पर पुलिस मुलाजिमों ने सुनवाई नहीं की। इस बीच अंकित आनंद ने फिर धक्केशाही करते हुए 12 ड्रम चुरा लिए जिसके बारे में उन्होंने पुलिस को सूचना दी पर पुलिस ने एक बार फिर कार्रवाई नहीं की।पीड़ित ने बताया कि अंकित आनंद पूरी फैक्टरी में से माल खुर्द बुर्द करने की फिराक में और कोई कोई कार्रवाई नहीं हो रही। फिर भेजा ट्रक, पर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
पीड़ित अनुपम अग्रवाल ने बताया कि गत दिवस अंकित ने फिर धक्केशाही करते हुए एक ट्रांस्पोर्ट का ट्रक किराए पर लेकर फैक्टरी में पहुंचा दिया। अनुपम ने बताया कि हालांकि उनके पास लीस के सारे कागज हैं परंतु पुलिस मुलाजिमों ने उन्हें फैक्टरी में जाने नहीं दिया जबकि उनका पूरा हक फैक्टरी में काम करने का है।जब उन्होंने ट्रक संबंधी जानकारी दी तो पुलिस मुलाजिमों ने कार्रवाई करने की बजाए ट्रक को चुपचाप अंकित से मिलीभगत कर फैक्टरी से बाहर निकाल दिया हालांकि ट्रक एक फिर सामान चुराने के लिए भेजा गया था। अनुपम अग्रवाल ने बताया कि यही नहीं थाना प्रभारी ने जो ब्यान दर्ज किए वह भी मजदूरों को धमकाते हुए दर्ज करवाए ताकि केस को कमजोर किया जा सके। वह इंसाफ के लिए थाने के चक्कर काट रहे हैं पर बुल्लोवाल थाना की पुलिस कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं है और उल्टा उन्हें ही गुमराह किया जा रहा है।बताएं की अब वह इंसाफ के लिए कहां जाएं।उन्होंने उद्योग मंत्री से मांग की है कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए नहीं तो पंजाब से एक और फैक्टरी प्लायन होने के मजबूर होगी।
मामला दर्ज है और आरोपित को काबू करने लिए की जा रही है छापेरमारी : एसएचओ बुल्लोवाल
थाना बुल्लोवाल के एसएचओ अजमेर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ब्यानों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।कार्रवाई चल रही है। उन्होंने अंकित आनंद को काबू करने के लिए छापेमारी भी की है लेकिन वह फरार चल रहा है। छापेमारी लगातार जारी है और उम्मीद है कि वह जल्द ही काबू होगा। उन्होंने बताया कि यदि फिर भी कोई समस्या है तो पीड़ित उन्हें आकर मिलकर समस्या बता सकते हैं।आरोपित बख्शे नहीं जाएंगे।