शरण में आए भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं भगवान: स्वामी गौरव
श्री बांके बिहारी सेवा मंडल वेल्फेयर कमेटी की तरफ से करवाई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन स्वामी गौरव कृष्ण शास्त्री ने प्रवचन किए।
जेएनएन, होशियारपुर : श्री बांके बिहारी सेवा मंडल वेल्फेयर कमेटी की तरफ से करवाई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन स्वामी गौरव कृष्ण शास्त्री ने प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि भक्त के भाव को और अपने इष्ट के प्रति भक्त की आस्था को केवल प्रभु ही समझ सकते हैं। इसलिए जीव को अपना दुख संसार के सामने नहीं बल्कि केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए। प्रभु पालनहार हैं, वे शरण में आए भक्त के सारे दुखों को हर लेते हैं। गौरव कृष्ण ने कहा कि भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्य कश्यप ने उन्हें भयंकर कष्ट दिए। यहां तक कि श्री प्रह्लाद जी को विष पिलाया गया, हाथी से कुचलवाया गया और अग्नि में जलाया गया। भक्त प्रह्लाद हर जगह अपने प्रभु का ही दर्शन करते थे। इसलिए उन्हें कहीं भी किसी भी प्रकार की पीड़ा का एहसास नहीं हुआ। क्योंकि उन्हें विश्वास था कि प्रभु सदा-सर्वदा सर्वत्र विराजमान रहते हैं। प्रभु ने भक्त के विश्वास को पूर्ण करते हुए प्रकट होकर यह दिखा दिया कि भक्त की इच्छा एवं विश्वास को पूर्ण करने के लिए वह कहीं भी किसी भी समय प्रकट हो सकते हैं। इस दौरान प्रस्तुत की गई झांकी ने सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर भगवान श्री कृष्ण अवतार की कथा करते हुए गौरव कृष्ण शास्त्री ने उनकी लीलाओं का वर्णन किया। श्रीकृष्ण अवतार की झांकी को देख सभी भाव-विभोर हो गए और पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो की जय-जयकार से गूंज उठा। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला, विधायक शाम चौरासी पवन कुमार आदिया भी मौजूद थे।