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ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने की मांग की

संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : ध्वनि प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऊंची आवाज म

By Edited By: Published: Fri, 17 Feb 2017 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 04:26 PM (IST)
ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने की मांग की
ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने की मांग की

संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : ध्वनि प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऊंची आवाज में बजने वाले प्रेशर हार्न पर पाबंदी के बावजूद दोपहिया व चौपहिया वाहन चालक प्रेशर हार्न से सारा दिन शहर पर सड़कों पर शोर रहता है। हैरानी की बात है कि ट्रैफिक पुलिस व जिला प्रशासन के अलावा तलवाड़ा पुलिस के कानों तक इस ऊंची आवाज में बजने वाले प्रेशर हॉर्न का शोर नहीं पहुंच रहा। ऊंची आवाज में चलने वाले प्रेशर हॉर्न से एक ओर जहां ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है वहीं लोगों को सेहत पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। इस संबंध में दैनिक जागरण की ओर से पहले भी प्रशासन के ध्यान में यह मुद्दा लाया गया है जिसपर ट्रैफिक विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर इक्का दुक्का दोपहिया वाहनों के चालान काट कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली जाती है जबकि बसों पर लगे प्रेशर हॉर्न को उतरवाने की जहमत नहीं उठाई जा रही। बस स्टैंडो के भीतर जीएम रोडवेज की ओर से बस स्टैंड के अंदर प्रेशर हॉर्न बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी उल्लंघना करने वाले को पांच सौ रुपये जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है।

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प्रेशर हॉर्न बजाने वालों पर हो कार्रवाई

नशा मुक्त कंडी संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान सुभाष ¨सह का कहना है कि हर वक्त सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सारा दिन बस चालक प्रेशर हॉर्न बजाते रहते हैं। जिससे गर वर्ग के लोगों की शान्ती में भी विघ्न पड़ता है। दूसरी ओर बस स्टैंड रोड पर रिहाइशी मकान भी हैं जिनमें रहने वाले पर रमेश कुमार, राजीव कुमार, मुकेश कुमार, निखिल चौधरी, विशाल कुमार, रजत घरवाल आदि का कहना है कि सुबह बस सर्विस शुरू होने के साथ ही प्रेशर हॉर्न का सिलसिला शुरू हो जाता है जो रात तक चलता रहता है।

बीमारियां होने का खतरा

ईएनटी स्पेशलिस्ट डा. रमेश के मुताबिक हार्न का सेफ लेवल 90 डेसीबल है। 125 डेसीबल से ज्यादा उंची आवाज से कान बहरे भी हो सकते हैं। इसके अलावा हमारी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना, ऊंचा सुनाई देना, कार्यक्षमता कम होना, सोचने की क्षमता प्रभावित होना, बल्ड प्रेशर बढ़ना व नींद में कमी होने के साथ और भी कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

चालान किए जाते हैं : थाना प्रभारी

थाना प्रभारी तलवाड़ा योगेश शर्मा ने कहा कि प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाती है। आज ही उन्होंने प्रेशर हार्न के तीन चालान काटे हैं। इसके लिए ट्रैफिक विभाग की पेट्रो¨लग टीम भी तैयार की जा रही है जो सभी वाहनों की चे¨कग कर प्रेशर हार्न उतरवाने का काम करेगी।


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